Astrology: शुक्र हो रहे हैं अस्त, शुभ कामों पर लगेगा Ban

punjabkesari.in Friday, Jan 22, 2021 - 08:14 AM (IST)

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Shukra Tara Asta 2021: हमारे जीवन में शुक्र ग्रह बहुत अहमियत रखते हैं। शुक्र ग्रह एक ऐसे ग्रह हैं जिन्हें अंग्रेजी में वीनस यानी सुंदरता की देवी कहा जाता है तो साथ ही हमारे शास्त्रों में इन्हें दैत्य गुरु भी माना जाता है यानी असुरों के गुरु। शुक्र ग्रह को जीवन में समृद्धि , नैसर्गिक भोग विलास और दांपत्य का कारक माना जाता है ।

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What does Shukra mean: विज्ञान की दृष्टि में शुक्र ग्रह को सबसे चमकीला तारा माना जाता है और यह धरती के सबसे करीब भी होता है। वहीं ज्‍योतिष की नजर में भी शुक्र ऐसा ग्रह है जिसकी शुभ दशा आपकी किस्‍मत को चमका देती है।

Shukra astrology : शुक्र अगर कुंडली में मजबूत हो तो जीवन में सुख-सुविधाओं की बरसात करते हैं। प्रेम रस से लेकर जीवन के सारे रस हमें प्रदान करते हैं। शुक्र एक ऐसे ग्रह हैं जो हमारे जीवन को सर्वाधिक प्रभावित करते हैं। यह वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। मीन राशि में यह अपनी उच्च स्थिति में होते हैं जबकि कन्या राशि में यह नीच के हो जाते हैं।

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What does Shukra mean: शुक्र एक ऐसे ग्रह हैं जो हमें एक आर्टिस्टिक नेचर देते हैं। हमें सौंदर्य प्रेमी बनाते हैं। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण पैदा करते हैं । हमें एक अच्छा प्रेमी बनाते हैं। हमारे व्यक्तित्व में आकर्षण भरते हैं। हमें स्त्री सुख , वाहन सुख  और धन का सुख प्रदान करते हैं । यानी पूरी विलासिता देते हैं । लेकिन यही शुक्र अगर खराब स्थिति में हों या नीच के हों तो हमें नीरसता प्रदान करते हैं।
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What is the timing of Shukra Asta and Udaya : 13 फरवरी 2021 को शुक्र के अस्त होने पर कई शुभ कार्य भी वर्जित हो जाएंगे । शुक्र ग्रह का अस्त होना वैदिक ज्योतिष में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि शुक्र ग्रह सभी सुख-सुविधाओं का मुख्य कारक है। इसके अतिरिक्त यह नैसर्गिक रूप से भी शुभ ग्रह है और यही कारण है कि सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में शुक्र ग्रह का अस्त होना एक तरह से रोक लगा देता है।

Tara Dubna: कोई भी ग्रह अपने पथ पर भ्रमण करते हुए यदि सूर्य के अत्यंत नजदीक आ जाता है तो वह अस्त हो जाता है। गोचर करते हुए जब सूर्य और शुक्र के मध्य 10 अंश का अंतर रह जाता है तो शुक्र अस्त हो जाता है। अर्थात आकाश मंडल में शुक्र दिखाई देना बंद हो जाता है। इसे शुक्र का अस्त होना, शुक्र का तारा डूबना या शुक्र का लोप हो जाना भी कहते हैं। जब शुक्र अस्त हो जाता है तो उसका प्रभाव मिलना अत्यंत कम या पूरी तरह बंद हो जाता है।  शुक्र एक कोमल ग्रह है और सूर्य एक क्रूर ग्रह इसलिए जब शुक्र अस्त होता है तो उसके शुभ परिणामों की कमी हो जाती है और व्यक्ति कई प्रकार के सुखों से वंचित हो सकता है।

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Wedding related Shukra importance: लोगों के व्यवहार में रूखापन आ जाता है और निजी संबंध खटाई में पड़ जाते हैं। खासकर भौतिक सुख-सुविधाओं और दांपत्य जीवन के लिए शुक्र का शुभ स्थिति में होना अत्यंत आवश्यक है। शुक्र अस्त होने की स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है, खासकर विवाह, गृह प्रवेश आदि नहीं होते हैं और शुक्र के पुनः उदय होने पर ही इस प्रकार के कार्य पूर्ण किये जाते हैं।

गुरमीत बेदी  
gurmitbedi@gmail.com

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Niyati Bhandari

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