करुणाकर शिव जी की करुणा से कभी नहीं होंगे वंचित, करें ये चमत्कारी पाठ
punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 12:57 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भोलेनाथ के भक्तों को उनकी पूजा-अर्चना के लिए यूं तो किसी खास दिन की ज़रूरत नहीं होती परंतु सोमवार के दिन इनकी भक्ति की चरम सीमा तक पहुंच जाती है। वो इसलिए क्योंकि भगवान शिव को सोमवार का दिन अधिक प्रिय है। यही कारण है शिव जी के समस्त श्रद्धालु इस दिन इन्हें खुश करने में लगे रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शंकर की तो कृपा मिलती है साथ ही चंद्रमा से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को भी यही दिन समर्पित किया गया है। इसके साथ ही इसमें ये भी वर्णन किया गया है कि स्वयं चंद्र देव भी भगवान शिव की पूजा करते हैं ताकि उनकी सुंदर व निरोगी काया हमेशा ऐसी ही बरकरार रहे।
आज सोमवार के दिन हम आपके लिए शिव जी से पूजा से जुड़ी ऐसा बातें बताने वाले हैं जिनको जाने-अनजाने में हम नज़र अंदाज़ कर बैठते हैं। जिससे हम भगवान शंकर को खुश करते रुष्ट कर सकते हैं। तो अगर आप भोलेनाथ को खुश करना चाहते हैं तो त्रिशूलधर महा शिव शंकर की पूजा में शिव पुराण में बताई गई सावाधनियों ज़रूर बरतें ताकि आपको पूजा का संपूर्ण फल मिलगा।
शिव पुराण का पाठ करते समय बरतें ये सावधानियां-
इस बात का खास ध्यान रखें कि शिव पुराण को पढ़ने या सुनने से पूर्व तन और मन दोनों को शुद्ध करें।
जब भी शिव पुराण को पढ़ें या सुने तो नए वस्त्र धारण करें, ऐसा न कर पाएं तो साफ़ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इस दौरान मन में भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा रखें। मन में किसी के भी प्रति द्वेष भाव न यानि गुस्सा आदि न रखें।
क्योंकि ऐसा कहा जाता है ऐसा करने से यानि किसी की निंदा, चुगली आदि करना वाला व्यक्ति चाहे जितनी भी श्रद्धा से शिव पुराण का पाठ कर लें उसे कभी इसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता बल्कि उसके सभी पुण्य समाप्त हो जाते हैं।
शिव पुराण का पाठ करने वाले जातक को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दौरान उसे तामसिक पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए।
शिव पुराण का पाठ करने या सुनने से मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ-
शिव जी को समर्पित ये शैव मत संपूर्ण संप्रदाय के लिए यह पवित्र ग्रंथ है। जिसे देवों के देव महादेव की महिमा का गुणगान किया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसका पाठ को सुनने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही निःसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है। तो नहीं ये भी कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के वैवाहिक जीवन से किसी प्रकार की समस्याएं चल रही होती हैं तो उसकी सभी समस्याएं इसका पाठ सुनने व पढ़ने से दूर हो जाती हैं।