Shiv ji Vahan Nandi: नंदी कैसे बने भगवान शिव की सवारी ? जानें इसके पीछे की कहानी
punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 02:54 PM (IST)
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Shiv ji Vahan Nandi: सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं के अपने-अपने वाहन होते हैं। उन्हीं में से एक हैं भगवान शिव के वाहन नंदी। नंदी को शिव जी के सभी गण में से सबसे प्रिय माना जाता है। आमतौर पर देखा जाता है कि शिव जी के मंदिरों के साथ बैल रूपी नंदी की मूर्ति भी रहती है। भगवान शंकर अपने वाहन नंदी के माध्यम से ही अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं। माना जाता है कि नंदी के कानों में अपनी इच्छा को कह देने से शिव जी के पास पहुंच जाती है। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि नंदी भगवान शिव के वाहन कैसे बने। तो आइए जानते हैं नंदी कैसे बने शिव जी की सवारी।
Nandi Kaise Bane Shiv Ke Vahan कैसे बने शिव के वाहन
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ऋषि शिलाद के बहुत कड़ी तपस्या के बाद भगवान शिव से नंदी को पुत्र रूप में प्राप्त किया। उन्हें वेद-पुराण का बहुत ही ज्ञान था। एक बार ऋषि शिलाद के आश्रम में दो संत आए। अपने पिता के आदेश पर नंदी जी ने उनकी खूब सेवा की। इस सेवा से प्रसन्न होकर संतों ने ऋषि को दीर्घ आयु का वरदान दिया। इतनी सेवा के करने के बाद भी उन्होंने नंदी के लिए एक शब्द भी नहीं बोला।
यह देखकर ऋषि शिलाद ने संन्यासियों से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि नंदी अल्पायु है। यह सुनकर पिता ऋषि शिलाद बहुत ही चिंतित हो गए। शिलाद ऋषि ने शिव से कहा कि उसे ऐसा पुत्र चाहिए, जिसे मृत्यु ना छू सके और उस पर आपकी कृपा बनी रहे। तब नंदी ने अपने पिता को समझाते हुए कहा कि पिता जी आप चिंतित न हो, आप न मुझे शिव जी की कृपा से प्राप्त किया है। अब वो ही मेरी रक्षा करेंगे। इसके बाद नंदी ने शिव जी की बहुत ही कठोर तपस्या की और एक दिन शिव जी खुद प्रकट हुए और उसके तप से प्रसन्न होकर उन्होंने नंदी को अपना वाहन बना लिया।