Shani Amavasya 2019: इस मंदिर में दर्शन करने से नहीं पड़ेगी शनि की टेढ़ी नज़र
punjabkesari.in Saturday, May 04, 2019 - 11:14 AM (IST)
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न्याय के देवता शनिदेव के क्रोध से हर कोई वाकिफ़ है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति इनकी कुदृष्टि से बचना चाहता है। लेकिन ज्योतिष में कहा गया है कि जिन पर शनि की अच्छी नज़र पड़ जाती है, उसके समस्त दुख दूर हो जाते हैं। लेकिन अब सवाल ये है कि इन्हें खुश किया कैसा जाए ताकि इनकी कुदृष्टि से बचा जा सके। तो आपको ज्योतिष शास्त्र में इन्हें प्रसन्न करने का एक निश्चित दिन बताया गया है, जो वैशाख महीने की शनि अमावस्या। बता दें कि ये शनिवार के दिन पड़ती है जिस कारण इसे शनैश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। माना जाता है जो भी इस दिन इन्हें प्रसन्न कर देता है उस जातक पर और उसके समस्त परिवार पर हमेशा इनकी कृपा बनी रहती है। तो अगर आप भी इनकी कृबपा पाना चाहते हैं तो हम आपको इनके एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके दर्शन करने से आप पर ये इनकी कुदृष्टि का असर हमेशा-हमेशा के लिए हट सकता है।
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आइए जानें इस मंदिर के बारे में-
देश में वैसे तो शनिदेव के कई पीठ हैं किंतु इनमें से तीन को ही प्राचीन और चमत्कारिक पीठ माना जाता हैं, जिनका बहुत महत्व है। मान्यता के अनुसार इन तीन पीठों पर जाकर ही पापों की क्षमा मांगी जा सकती है। जनश्रुति के अनुसार इन स्थान पर जाकर ही लोग शनि के दंड से बच सकते हैं, किसी अन्य स्थान पर नहीं।
ये तीन पीठों में से एक है एक गांव शिंगणापुर में स्थित है, जो शनि शिंगणापुर के नाम से प्रसद्धि है। दूसरा मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित शनिश्चरा मन्दिर के नाम से प्रचलित है और तीसरा उत्तरप्रदेश के कोशी से 6किलोमीटर दूर कौकिला वन में सिद्ध शनिदेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। जानकारों के मुताबिक जीवन में किसी भी तरह की कठिनाई या शनि ग्रह का प्रकोप है, तो लोग इन जगहों पर आकर भयमुक्त हो जाते हैं। मान्यता अनुसार इन स्थानों पर जातक को तत्काल लाभ मिलता है। कहते हैं कि पिछले कई हजारों वर्षों से यह पीठ आज भी ज्यों के त्यों हैं और आज भी यहां चमत्कार घटित होते रहते हैं। इनमें से शनिश्चरा मंदिर का अपना ही महत्व है।
बता दें ग्वालियर से बसों व टैक्सियों से भी शनिश्चरा मंदिर पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा शनिश्चरा रेलवे स्टेशन, ग्वालियर-भिंड रेलवे लाइन पर पड़ता है। वहीं कुछ शहरों से ग्वालियर के लिए सीधी हवाई सेवा है, राजमाता विजयाराजे सिंधिया हवाई अड्डे से शनिश्चरा मंदिर सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है। जबकि शनि अमावस्या पर यहां काफी भीड़ होने के कारण उस दिन कई स्पेशल ट्रेन और बसें मंदिर तक के लिए चलाई जाती हैं।
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शनि जयंती पर लगता है मेला
हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रमुख शनिश्चरा मंदिर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
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