जानिए कहा है ‘रीछों का पहाड़’ और ‘शबरी आश्रम’

punjabkesari.in Tuesday, Aug 03, 2021 - 12:10 PM (IST)

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राम की वनवास यात्रा से जुड़े जिन महत्वपूर्ण स्थलों के दर्शन इस बार आपको करवाने जा रहे हैं, उनमें वह स्थान विशेष रूप से शामिल है जहां श्री राम शबरी से मिले थे। अन्य स्थलों में कबंध आश्रम शामिल हैँ जिसे रीछों के पहाड़ के नाम से जाना जाता है। ये सभी स्थल कर्नाटक में स्थित हैं।

शबरी आश्रम, सुरेबान बेलगांव 
रामदुर्ग से 14 कि.मी. उत्तर में गुन्नगा गांव के पास सुरेबान है। जो शबरी वन का ही अपभ्रंश है। आश्रम के आस-पास बेरी वन है। बेर अब भी मीठे होते हैं। यहां शबरी मां की पूजा वन शंकरी, आदि शक्ति तथा शाकंभरी देवी के रूप में की जाती है। यहीं श्री राम व शबरी मां की भेंट हुई थी। करीब स्थित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में ऋष्यमूक पर्वत,चिंतामणि किष्किंधा द्वार, प्रस्रवण पर्वत, स्फटिक शिला आदि स्थित हैं। इनमें आपसी दूरी अधिक नहीं है। ये स्थल बेल्लारी तथा कोप्पल दो जिलों में आते हंै। बीच में तुंगभद्रा नदी है।(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 3/74 पूरा अध्याय, मानस 3/33/3 से 3/36 दोहा तक)  

पम्पा सरोवर, कोप्पल
कोप्पल जिले में स्थित पम्पा सरोवर श्री राम से संबंधित है। सरोवर के किनारे मंदिरों की कतार है। कहते हैं कि यहां श्री राम सीता की खोज करते हुए आए थे। वहीं रामदुर्ग में ‘करड़ी गुड्ड’ यानी ‘रीछों का पहाड़’ नामक एक गांव के पास पहाड़ी पर एक टेढ़े-मेढ़े पत्थर की मूर्ति रखी है। यह मूर्ति वाल्मीकि रामायण में वर्णित कबंध के शरीर से मेल खाती है। स्थानीय लोग इसको ‘राक्षस का मंदिर’ कहते हैं, जिसका श्रीराम ने संहार किया था। (ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 3/69/19 से 51 3/70, 71, 72, 73 पूरे अध्याय, मानस 3/32/3 से 3/33/3 तक) —डा. राम अवतार


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Jyoti

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