Sawan special: शास्त्रों के अनुसार मंत्र पढ़ते हुए करें शिव पूजा, पूरी होगी हर कामना

punjabkesari.in Friday, Jul 19, 2024 - 11:15 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Sawan Shiv puja: शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने को श्रावण मास कहते हैं। ज्योतिष अनुसार श्रावण मास की महत्वता श्रवण नक्षत्र से है इस मास की पूर्णिमा का उदय श्रवण नक्षत्र में होता है तदुपरांत श्रवण नक्षत्र अनुसार इस माह का नाम श्रावण हुआ। श्रावण का मूल अर्थ है श्रवण करना अर्थात सुनना और समझना। इसी कारण सावन में भक्ति और सत्संग से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है। सावन मास में भगवान शंकर द्वारा आदिशक्ति जगदम्बा पार्वती को सुनाई गई। अमर कथा के श्रवण से अमरत्व प्राप्ति के साथ-साथ पापों से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रनुसार ऋषि मार्कण्डेय ने चिर आयु प्राप्ति के लिए शिव सिद्धि हेतु श्रावण मास में अनुष्ठान किया, जिसके फलस्वरूप मृत्यु के देव यमराज ऋषि मार्कण्डेय से पराजित हुए।  

PunjabKesari Sawan special
How do you please Lord Shiva for wish fulfillment: सावन मास शिव उपासना हेतु विशिष्ट माना गया है। शास्त्रनुसार श्रावण में विधिवत शिव पूजन से अभीष्ट फलों की प्राप्ति होती है। सावन के मुख्य पर्व हैं श्रावण शिवरात्रि, हरियाली अमावस्या, नाग पंचमी व राखी। सम्पूर्ण श्रावण मास शिव तथा शक्ति का समायोजन है। तो चलिए जानें इस मास में कैसे करें शिव उपासना-

PunjabKesari Sawan special
Sawan Puja Vidhi Mantra: सावन में विशिष्ट शिव उपासना विधि
श्रावण मास के किसी भी दिवस अथवा तिथि को विशेषतः सोमवार और शुक्रवार को प्रातःकाल नित्यकर्म से निवृत्त होकर अखंडित बिल्व पत्र और अक्षत (अखंडित चावल) के दाने लें।  किसी पवित्र पात्र में जल भर लें, सामर्थ्य अनुसार चन्दन, धूप, शुद्ध घी का दीपक, गंध, चन्दन लेप आदि एकत्रित करें। समस्त सामग्री को किसी स्वच्छ पात्र में रखें।  

निम्न मंत्र पढ़ते हुए समस्त सामग्री को जल से पवित्र करें
अपक्रामन्तु भूतानि पिशाचाः सर्वतो दिशा। सर्वेषामवरोधेन ब्रह्मकर्म समारभे।।
अपसर्पन्तु ते भूताः ये भूताः भूमिसंस्थिताः। ये भूता विनकर्तारस्ते नष्टन्तु शिवाज्ञया।।

शिवलिंग पर निम्न मंत्र पढ़ते हुए स्वच्छ जल चढ़ाएं
गंगा सिन्धुश्य कावेरी यमुना च सरस्वती। रेवा महानदी गोदा अस्मिन्‌ जले सन्निधौ कुरु।।

शिवलिंग पर निम्न मंत्र पढ़ते हुए अक्षत चढ़ाएं
क्क अक्षन्नमीमदन्त ह्यव प्रिया ऽअधूड्ढत। अस्तोड्ढत स्वभानवोव्विप्प्रान विष्ट्ठयामती योजान्विन्द्रते हरी।।

शिवलिंग पर निम्न मंत्र पढ़ते हुए पुष्प अर्पित करें
क्क ओषधीः प्रतिमोदध्वं पुष्पवतीः प्रसूवरीः। अष्वाऽइव सजित्वरीर्व्वीरुधः पारयिष्णवः।।

PunjabKesari Sawan special

शिवलिंग पर निम्न मंत्र पढ़ते हुए हल्दी-चन्दन के लेप से त्रिपुंड बनायें
क्क भूः भुर्वः स्वः क्क द्द्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम्‌ पुष्टि वर्धनम्‌ उर्व्वारुकमिव बन्धनान्‌ मृत्योर्मुक्षीय मामुतः।।

शिवलिंग पर निम्न मंत्र पढ़ते हुए चन्दन धूप दर्शित करवाएं
काशीवास निवासिनाम्‌ कालभैरव पूजनम्‌। कोटिकन्या महादानम्‌ एक बिल्वं समर्पणम्‌।। दर्षनं बिल्वपत्रस्य स्पर्षनं पापनाशनम्‌। अघोर पाप संहार एकबिल्वं शिवार्पणम।। त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम्‌। त्रिजन्मपाप संहारं एकबिल्वं शिवार्पणम।।

शिवलिंग पर निम्न मंत्र पढ़ते हुए जल से अभिषेक करें
गंगोत्तरी वेग बलात्‌ समुद्धृतं सुवर्ण पात्रेण हिमांषु। शीतलं सुनिर्मलाम्भो ह्यमृतोपमं जलं गृहाण काशीपति भक्त वत्सल।।

तदुपरांत निम्न मन्त्र से क्षमा प्रार्थना करें
अपराधो सहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निषं मया, दासोऽयमिति माम्‌ मत्वा क्षमस्व परमेश्वर। आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर। मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर, यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्तु मे।।

PunjabKesari Sawan special

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News