Sawan 2021: क्यों श्रावण का मास है शिव जी को सबसे प्रिय?

punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 12:57 PM (IST)

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर का प्रिय मास सावन का माना जाता है। यही कारण है भोलेनाथ के भक्त इस मास में पूरी श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की पूजा करते हैं। परंतु क्या आप में से कोई ये जानता है कि क्यों भगवान शंकर को श्रावण का महीना इतना प्रिय है?

अगर नहीं तो चलिए श्रावण मास के इस खास मौके पर आपको बताते हैं कि इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं, जिस कारण भगवान शंकर को श्रावण का मास अति प्रिय है। 

प्रचलित धार्मिक कथाओं के अनुसार राजा दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह करने के उपरांत माता सती ने माता पार्वती के रूप में दूसरा जन्म लिया। अपने पिछले जन्म की तरह इस जन्म में भी भगवान शंकर का विवाह भगवान शंकर से ही हुआ था। ऐसी कथाएं हैं कि देवी पार्वती ने शिव शंकर को पाने व प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था, जिसके परिणाम स्वरूप सावन के माह में शिव जी ने माता से विवाह किया था। कहा जाता है कि इसी के चलते भगवान शंकर को ये मास अधिक प्रिय है। धार्मिक ग्रंथों में संबंध में ब्रह्मा के पुत्र सनत कुमारों ने शिव जी से जब यह पूछा था कि आपको सावन का माह क्यों प्रिय है तो शिव जी ने उपरोक्त कारण बताया था। 

जब देव और दैत्यों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था, तो सबसे पहले मंथन में से विष निकला था। तब शिव जी ने उस विष को अपने गले में धारण कर लिया था। कहा जाता है कि इसी कारण से ही भोलेनाथ को नीलकंठ कहा जाने लगा। जब विष के कारण उनके शरीर का तापमान बढ़ने लगा तो देवताओं ने उन पर शीतल जल डालकर उस ताप को शांत किया। ऐसा माना जाता है तभी से ही शिवजी को जल और सावन का मास अतिप्रिय हो गया। 

इसके अतिरिक्त कहा जाता है कि सर्वप्रथम भगवान शिव सावन के मास में धरती पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे जहां उनका स्वागत अर्ध्य देकर, जलाभिषेक कर किया गया था। ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं। जिस कारण उन्हें यह माह अति प्रिय है। 

कहा जाता है इन्हीं उपरोक्त कारणों के चलते शिव जी को बारिश का मौसम और उसमें भी श्रावण का माह उन्हें अति प्रिय है जबकि इस दौरान सभी ओर हरियाली और शीतलता व्याप्त हो जाती है।
 


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Content Writer

Jyoti

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