Rang Panchami 2021: 1 क्लिक में जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त व पूजन मंत्र
punjabkesari.in Thursday, Apr 01, 2021 - 04:25 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि सब जानते हैं कि होली का पर्व बीत चुका है, जिसके बाद अब सब को बेसब्री से रंग पंचमी का इंतजार है। बता दें होली से ठीक पांच दिन बाद यह त्यौहार मनाया जाता है, जो इस साल 02 अप्रैल को पूरी धूम धाम से देश में मनाया जाएगा। जिस तरह होली तरह पर लोग रंग और गुलाल के साथ आपसी प्रेम और सौहार्द के लिए खेलते हैं, तो वहीं रंग पंचमी के दिन रंग-बिरंगे गुलाल एक दूसरे को नहीं बल्कि आसमान में उड़ाए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन रंग देवताओं को समर्पित करने की भावना से आसमानम में उड़ाए जाते हैं। ताकि देवताओं को प्रसन्न किया जाए। ऐसा कहा जााता है कि इससे देवता प्रसन्न होते हैं, तथा हर जगह रंग-बिरंगे गुलाल से सारा वातावरण रंग बिरंगा व सकारात्मक हो जाता है।
लोक मत है कि इस दिन आसमान में उड़ा जो रंग किसी व्यक्ति को स्पर्श कर लेता हैै, उसके सभी तरह के पाप व कष्ट कट जाते हैं, तथा जीवन में नकारात्मकता भी जीवन से छू मंतर हो जाती है। बता दें मुख्य रूप से रंग पंचमी का यह त्यौहार महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कुछ इलाकों में मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण को भी गुलाल अर्पित किया जाता है। तो वहीं अन्य कई जगहों पर देवी लक्ष्मी का भी विशेष पूजन किया जाता है।
रंग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह : 04ः46 – 05ः33
दोपहर : 12ः05 – 12ः54
शाम : 07:31 – 09ः00
आइए अब जानते हैं कि इस दिन कैसे करना चाहिए देवी लक्ष्मी का पूजा-
सबसे पहले देवी लक्ष्मी और श्री हरि का चित्र को उत्तर दिशा में एक चौकी पर स्थापित कर लें, अब एक तांबे के कलश में पानी भरकर रखें और शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
इसके बाद इन्हें ताज़ों फूलों की माला अर्पित करें।
प्रसाद के तौर पर देवी लक्ष्मी को खीर, मिश्री तथा श्री हरि को गुड़ चने का भोग लगाएं।
अब आसन पर बैठकर "ॐ श्रीं श्रीये नमः" मंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें
जब विधि वत पूजन हो जाएं तो श्रद्धापूर्वक से आरती करें।
फिर कलश में रखे जल को घर के हर कोने में छिड़कें। खासतौर पर घर में जिस स्थान पर तिजोरी या धन रखने की व्यवस्था हो।
बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
मान्यता है रंग पंचमी के दिन जो भी जातक देवी लक्ष्मी की विधि वत पूजा करता है, वे उन पर अधिक प्रसन्न रहती हैं। जिससे जातक के घर में कभी बरकत की कमी नहीं होती। बता दें रंग पंचमी के दिन लक्ष्मी जी के पूजा करने के कारण इस दिन को श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। ये भी कहा जाता है कि इस दिन जातक को अपने इष्ट का पूजन करना चाहिए, इससे कुंडली में मौजूद समस्त दोष समाप्त हो जाते हैं।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर जयशंकर ने दिया कड़ा जवाब , कहा- भारत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
आज जिनका जन्मदिन है, जानें कैसा रहेगा आने वाला साल