लंका पति रावण के होते ही श्री राम ने कर दिया था विभिषण का राज्याभिषेक, जानते हैं आप?
punjabkesari.in Sunday, Apr 12, 2020 - 05:41 PM (IST)
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जैसे कि आप सब जानते हैं कि कोरोना वायरस जैसी महामारी को रोकने के लिए न केवल देश में बल्कि लगभग पूरी दुनिया इस समय अपने घरों में क्वांरटीन होकर बैठी है। क्योंकि दुनिया के कई बहुत स देश इससे बहुत हद तक प्रभावित हो रहे। चीन से शुरू हुआ ये वायरस अब सबसे ज्यादा अमेरिका को प्रभावित कर रहा है। जिस कारण हर देश की सरकार इससे अपने देश की जनसंख्या को बचाने के लिए लॉकडाउन कर दिया गया। जिस के चलते किसी नागरिक को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। यही कारण है बहुत से लोग इसके चलते घर बैठे बोर हो रहे हैं। इस बोरियत को कैसे ख्त्म किया जाए। हर कोई इसी में लगा हुआ है। तो चलिए हम आपका काम आसान कर देते हैं आपको बताते हैं हिंदू धर्म से जुड़े ऐसे रहस्य जिनके बारे में आपको अभी तक किसी प्रकार की जानकारी नहीं है।
इस कड़ी में हम आपके लिए लाएं हैं रामायण काल का एक ऐसा प्रसंग जिसके संबंध लंकापति रावण के भ्राता विभिषण जी से है। आइए विस्तारपूर्वक जानके हैं इससे जुड़ी कथा-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपने छोटे भाई विभीषण के अवमानना करने पर लंका पति रावण उन्हें लंका छोड़ने का आदेश दे देते हैं। जिसके बाद विभीषण अपनी मां कैकसी से विचार-विमर्श करने जाते हैं और अंत में भगवान राम की शरण में जाने का फैसला कर अपने मंत्रियों के साथ निकल पड़ते हैं।
तो इधर, लक्षमण जी सुग्रीव और जामवंत द्वारा रावण के भाई को शरण देना उचित नहीं मानते और इसका विरोध करते हैं। परंतु हनुमान सभी को विभीषण की राम-भक्ति के बारे में बताते हैं जिसके बाद श्री राम विभीषण को मिलने के लिए बुलाते हैं। अपने प्रभु के दर्शन कर विभिषण जी उन्हें अपनी शरण में लेने की विनती करते हैं।
मगर कृपा निधान श्री राम उन्हें सेवल नहीं बल्कि अपने मित्र का दर्जा देते हैं और लंकेश कह कर संबोधित करते हैं। जिसके बाद कुछ क्षण के लिए विभिषण चौंक जाते हैं किंतु श्री राम की बातें सुनकर वे अपने आप को धन्य प्रतीत करते हैं।
कथाओं के अनुसार इसके बाद पूरे विधि विधान से प्रभु राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया। तो ये थी रावण के होते ही विभिषण की राजा बनने की गाथा।