Rahu Transit 2025: जल्द ही होगा राहु का गोचर, मेष राशि वालों की शनि सतायेंगे और राहु बचाएंगे

punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2024 - 11:21 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Rahu Transit 2025: शनि की पहली ढैया है साढ़ेसाती की उसको बैलेंस करने के लिए राहु के ये जो 3 साल का गोचर है यह डेफिनेटली आपको बहुत हेल्प करेगा। 2025 वैसे भी बहुत अच्छा नहीं रहने वाला लेकिन राहु का गोचर आपके लिए शुभ हो जाएगा। यह वक्री अवस्था में रहते हैं हमेशा इनका कोई फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं राहु आपको इमेजिनेशन ज्यादा देता है। यदि वो पॉजिटिव पोजीशन में है तो आपको पॉजिटिव इमेजिनेशन बहुत होगी। यदि वह नेगेटिव पोजीशन में है तो आपकी कुंडली में विचार नेगेटिव साइड की तरफ ज्यादा चलेंगे। राहु अभी फिलहाल मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। 29 मई 2025 को राहु का गोचर होगा। 29 मई 2025 से लेकर 25 नवंबर 2026 तक ये गोचर है। ये लगभग डेढ साल का गोचर होता है और डेढ़ साल के गोचर में राहु पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे।  फिर धनिष्ठा नक्षत्र में आएंगे। यह मंगल का नक्षत्र है तो इन तीन नक्षत्रों में में गोचर करेंगे। इसके अलावा केतु का गोचर सिंह राशि में होगा। राहु और केतु की अपनी कोई भी राशि नहीं होती और यह जिस राशि में बैठते हैं उस राशि के फल करते हैं। 

राहु मीन राशि में बैठे हुए हैं तो मीन राशि के साथ-साथ धनु राशि का भी फल करेंगे क्योंकि वह दोनों गुरु की राशियां हैं। राहु गुरु के साथ ही बैठे हुए हैं तो राहु गुरु के भी फल कर जाएंगे।  ये जिस ग्रह के साथ बैठते हैं उसके अच्छे या बुरे फल भी कर जाते हैं। अष्टम में बैठेंगे तो अष्टम के फल कर जाएंगे। भाग्य स्थान में बैठे हैं तो भाग्य स्थान के फल कर जाएंगे। राहु और केतु का केतु भी जिस राशि के साथ बैठेंगे उसके फल कर जाएंगे। जिस प्लेनेट के साथ बैठते हैं उस प्लेनेट के फल करते जाएंगे और गोचर में भी यही स्थिति होती है इनका प्रभाव बहुत तीव्र होता है। 

मेष राशि: मेष राशि के जो जातक हैं उनके लिए 2025 वैसे भी बहुत अच्छा नहीं रहने वाला लेकिन एक जो चीज उनके लिए बहुत पॉजिटिव हो जाएगी वो हो जाएगी राहु का गोचर। 29 मार्च 2025 को मेष राशि के जातक शनि की साढ़े साती के प्रभाव में आ जाएंगे। शनि 12वें भाव में आ जाएंगे। 12वें भाव में शनि आएंगे तो निश्चित तौर पर जब शनि की साढ़े शुरू होती है। बहुत सारी चीजें जो है वो डिस्टर्ब होती है। राहु है वह शनि की तरह फल करते हैं। केतु मंगल की तरह फल करते हैं। राहु वह शनि की तरफ फल करते हैं। मेष राशि का 11वें भाव में जो गोचर होगा। इसका राहु का वह बहुत अच्छा होने जा रहा है। 11वां भाव चूंकि कुंडली का अशुभ भाव होता है। उसे पांच भाव कहते हैं तीसरे, छठे और ग्यारहवें में पाप ग्रहों का गोचर काफी अच्छा होता है। अब यहां पर 11वें भाव का राहु का गोचर अच्छा है। 11वां भाव आपकी प्रमोशन का भाव होता है। 11वें भाव से  फल देखते हैं। जब 11वें भाव का फल आपके लिए अच्छा हो जाएगा। 12वें भाव में शनि अपना कर्म करेंगे। यदि प्रमोशन पेंडिंग है तो प्रमोशन मिल सकती है। आपको आय में वृद्धि हो सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा जिनकी बढ़नी चाहिए उनके लिए ये राहु का गोचर अच्छा हो जाएगा। यहां पर राहु आय के नए साधन पैदा कर सकते हैं और राहु यहां पर आपको ग्यारहवें के अच्छे फल दे सकते हैं। राहु की तीन दृष्टियां होती हैं। राहु पांचवीं दृष्टि, सातवीं दृष्टि और नौवीं दृष्टि से देखते हैं। अब यहां पर राहु बैठे शनि की राशि में शनि के फल करेंगे निश्चित तौर पर शनि की राशि दशम भाव में भी है तो दशम भाव के भी फल कर जाएंगे। मेष राशि के जातकों को राहु देखेंगे तीसरे भाव को। 

तीसरे भाव में गुरु ऑलरेडी यहां पर पड़े हुए हैं। राहु के गोचर के बाद आप में डिटरमिनेशन बढ़ेगी। राहु यहां पर बैठकर सप्तम भाव को एक्टिवेट करेंगे। जब राहु और गुरु दोनों की दृष्टि है गुरु भी यहां पर देखेंगे तो यह स्थिति आपके लिए इस भाव को एक्टिव करने वाली हो गई। जितने भी लोग अपना काम पार्टनरशिप में करना चाहते हैं वहां पर चीजें बहुत अच्छी हो जाएंगी यानी कि पार्टनरशिप के लिहाज से अच्छा हो गया। गुरु और राहु म्यूचुअल जब एक नेगेटिव और एक पॉजिटिव प्लेनेट एक राशि को एक्टिवेट करता है तो उसके फल डेफिनेटली बहुत अच्छे मिलते हैं। पराक्रम भाव एक्टिव हो जाएगा। सप्तम भाव एक्टिव हो जाएगा। केतु यहां पर फिफ्थ हाउस में है जिनके घर पर संतान होने वाली है, जो प्रेगनेंसी के दौर से गुजर रहे हैं या आगे जिनकी प्लानिंग है उनको बहुत केयरफुल रहना पड़ेगा। केतु यहां पर आ गए हैं। गुरु इस भाव के कारक होकर वह तीसरे भाव में बैठे हैं। यह अच्छी पोजीशन नहीं है, गुरु का गोचर अच्छा नहीं रहेगा। शनि इस भाव से अष्टम में गोचर कर रहे हैं। जिनकी संतान लेने की प्लानिंग है उनको थोड़ा सा एक्स्ट्रा केयरफुल रहना पड़ेगा। जितने भी मेष राशि के जातक हैं उनको फिफ्थ से संबंधित जो सिग्निफिकेंट है वो थोड़े से उनके डिस्टर्ब हो सकते हैं। केतु क्योंकि यहां पर फिफ्थ में अच्छा फल नहीं करेंगे। केतु कुल वृद्धि के कारक जरूर कहे गए हैं लेकिन यहां पर चूंकि शनि अष्टम में आ गए हैं, गुरु तीसरे भाव में चले गए हैं इसलिए प्रेगनेंसी वाला मामला थोड़ा सा डिस्टर्ब करने वाला हो सकता है। केतु नाइंथ हाउस है इसको भी एक्टिव कर रहे हैं। यदि आप कहीं पर धार्मिक स्थान पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, अध्यात्म की तरफ जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो थोड़ी सी दिक्कत हो सकती है। 

शनि की दशम दृष्टि भी यहां पर आ रही है तो दो पाप ग्रहों का प्रभाव आपके भाग्य स्थान के ऊपर रहेगा। भाग्य स्थान के ऊपर दो पाप ग्रहों के प्रभाव का मतलब है कि थोड़ा सा हो सकता है कि आपको एफर्ट्स के मुकाबले उसके रिजल्ट कम मिले। केतु यहां पर बैठेंगे तो चंद्रमा को भी देखेंगे। आपका जो केतु है वो चंद्रमा को भी देखेगा। चंद्रमा और सूर्य को ग्रहण लगाते हैं जब चंद्रमा केतु के प्रभाव में आ जाता है। मन थोड़ा सा व्यथित हो जाता है।  शनि की साढ़े साती का पहला फेस है उसका प्रभाव रहेगा। राहु उसके बाद भी जब आएंगे तो आपके दशम में दशम में ही आएंगे।शनि की जो पहली ढैया है साढ़ेसाती  की उसको बैलेंस करने के लिए राहु के ये जो 3 साल का गोचर है ये डेफिनेटली आपको बहुत हेल्प करेगा। 

राहु को सही करने के उपाय-

सफाई कर्मचारी को खाना खिलाएं। 

काल भैरव के दर्शन करें। 


नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News