Radha Ashtami: इस विधि से रखेंगे राधा अष्टमी का व्रत तभी मिलेगा पुण्यफल

punjabkesari.in Friday, Sep 02, 2022 - 10:47 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Radha Ashtami 2022: श्री राधा अष्टमी पर जहां लोग व्रत करके सभी सुख पाते हैं, वहीं गौड़ीय विधान के अनुसार श्री राधा अष्टमी को विशेष उत्सव मनाया जाता है। उनके अनुसार भगवद भक्त तत्व अर्थात भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी और श्री रामनवमी आदि दिनों पर व्रत किया जाता है तथा शक्ति तत्व राधा जी के जन्म के उपलक्ष्य में विशेष उत्सव मनाने का विधान है। वैष्णव जन दोपहर 12 बजे तक श्री राधा जी के प्रकट होने तक हरिनाम संकीर्तन करते हुए उत्सव मनाते हैं तथा उनका अभिषेक होने के पश्चात चरणामृत लेकर खुशी मनाते हैं।

PunjabKesari Radha Ashtami

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

PunjabKesari Radha Ashtami

कैसे करें व्रत
अन्य व्रतों की भांति इस दिन भी प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि क्रियाओं से निवृत होकर श्री राधा जी का विधिवत पूजन करना चाहिए। इस दिन श्री राधा कृष्ण मंदिर में ध्वजा, पुष्पमाला, वस्त्र, पताका, तोरणादि व विभिन्न प्रकार के मिष्ठानों एवं फलों से श्री राधा जी की स्तुति करनी चाहिए। मंदिर में पांच रंगों से मण्डप सजाएं, उनके भीतर षोडश दल के आकार का कमलयंत्र बनाएं, उस कमल के मध्य में दिव्य आसन पर श्री राधा कृष्ण की युगलमूर्ति पश्चिमाभिमुख करके स्थापित करें। बंधु बांधवों सहित अपनी सामर्थ्यानुसार पूजा की सामग्री लेकर भक्तिभाव से भगवान की स्तुति गाएं। दिन में हरिचर्चा में समय बिताएं तथा रात्रि को नाम संकीर्तन करें। एक समय फलाहार करें। मंदिर में दीपदान करें।  

PunjabKesari Radha Ashtami

व्रत का पुण्यफल
श्री राधा कृष्ण जिनके इष्टदेव हैं, उन्हें राधाष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह व्रत श्रेष्ठ है। श्री राधाजी सर्वतीर्थमयी एवं ऐश्वर्यमयी हैं। श्रीराधा जी के भक्तों के घर में सदा ही लक्ष्मी जी का वास रहता है। जो भक्त यह व्रत करते हैं, उन साधकों की जहां सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वहीं मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। वह धनवान भी बनता है। जो मनुष्य श्री राधा जी के नाम मंत्र का स्मरण एवं जाप करता है वह धर्मार्थी बनता है। अर्थार्थी को धन की प्राप्ति होती है, कामार्थी पूर्णकामी होता है मोक्षार्थी को मोक्ष मिलता है। कृष्णभक्त वैष्णव सर्वदा अनन्य शरण होकर श्री राधा जी की भक्ति प्राप्त करता है तो वह सुखी, विवेकी और निष्काम हो जाता है। राधा जी की पूजा के बिना श्रीकृष्ण जी की पूजा अधूरी रहती है, तभी तो भक्त गाते हैं-

‘राधे राधे जपो चले आएंगे मुरारी’

PunjabKesari kundli

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News