Pope Francis: ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन
punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 07:29 AM (IST)

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वेटिकन (एजैंसियां): कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमरीकी पोप थे। वेटिकन स्थित सेंट मार्था निवास पर कार्डिनल केविन जोसेफ फैरेल, पोप का शव ताबूत में रखेंगे। पिछले कई महीनों से पोप स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। वह 5 हफ्ते तक फेफड़ों में इन्फैक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे। इलाज के दौरान कैथोलिक चर्च के हैडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टैस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। हालांकि 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।
पोप फ्रांसिस 1300 साल में पहले गैर-यूरोपीय थे, जिन्हें पोप चुना गया था। पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक व्यक्तियों के चर्च आने, सेम-सैक्स कपल्स को आशीर्वाद देने, पुनर्विवाह को धार्मिक मंजूरी देने जैसे बड़े फैसले लिए। उन्होंने चर्चों में बच्चों के यौन शोषण पर माफी भी मांगी थी। पोप फ्रांसिस के निधन से एक दिन पहले 20 अप्रैल को अमरीकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने उनसे मुलाकात की थी। भारत सरकार ने पोप के निधन पर 3 दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है।
अगला पोप कौन होगा ?
हालांकि, सिद्धांत के अनुसार कोई भी बपतिस्मा (बैप्टिज्म) हासिल कर चुका रोमन कैथोलिक पुरुष पोप बन सकता है लेकिन अब तक परम्परा यही रही है कि कॉर्डिनल्स में से ही किसी को चुना जाता है। 2013 में चुने गए पोप फ्रांसिस पहले दक्षिण अमरीकी पोप थे लेकिन 266 पोपों में से अब तक 217 इटली से रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि अगला पोप भी यूरोपीय और संभवतः इटली से हो सकता है।