Kalashtami 2025 Date: 11 या 12 दिसंबर, कब है साल 2025 की अंतिम कालाष्टमी ?

punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 10:33 AM (IST)

Kalashtami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव के उग्र, रक्षक और दंडनायक स्वरूप भगवान काल भैरव को समर्पित होता है। मान्यता है कि कालाष्टमी पर की गई भैरव साधना से भय, बाधाएं, नकारात्मक शक्तियां और शनि जैसे ग्रहों का प्रकोप दूर होता है।

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Kalashtami 2025 Date: कब है साल की अंतिम कालाष्टमी?
अष्टमी तिथि शुरू:
11 दिसंबर 2025, गुरुवार दोपहर 01:57 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त: 12 दिसंबर 2025, शुक्रवार सुबह 02:56 बजे

2025 की अंतिम कालाष्टमी / कालभैरव जयंती: 11 दिसंबर 2025, गुरुवार

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Powerful Mantras for Kalashtami कालाष्टमी पर मंत्र जाप: कालाष्टमी (जिसे भैरवाष्टमी भी कहा जाता है) भगवान काल भैरव की उपासना का विशेष दिन है। इस दिन मंत्र-जाप करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और जीवन से जुड़े अनेक लाभ माने गए हैं। इन मंत्रों का जाप भय दूर करने, मन को स्थिर रखने और बाधाओं से मुक्ति देने वाला माना गया है।

ओम शिवगणाय विद्महे गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।
ओम कालभैरवाय नमः
ओम भ्रां कालभैरवाय फट्
भैरव रक्षा मंत्र:
धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्।
द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये।।

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Major benefits of chanting mantras on Kalashtami कालाष्टमी पर मंत्र जाप के प्रमुख लाभ
नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

काल भैरव को समय व रक्षण के देवता माना जाता है। उनके मंत्रों का जाप करने से भय, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
घर और मन दोनों में सुरक्षात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

मानसिक शांति और नियंत्रण
कालाष्टमी का जाप मन को स्थिर करता है, जिससे चिंता, तनाव और बेचैनी कम होती है, निर्णय-क्षमता और मानसिक संतुलन बढ़ता है।

कष्ट और संकटों का निवारण
यह माना जाता है कि भैरव उपासना से जीवन के संघर्ष, अचानक आने वाले संकट, नौकरी-व्यापार में समस्याएं कम होती हैं और राहें खुलती हैं।

समय-प्रबंधन और अनुशासन
काल भैरव ‘समय के स्वामी’ कहे जाते हैं। उनकी साधना से कार्यों में अनुशासन, समय का सदुपयोग और जीवन में स्पष्टता आने लगती है।

ग्रहदोषों और कर्मबाधाओं का शमन
भैरव उपासना को पितृदोष, राहु-केतु और शनि से जुड़े कष्टों में भी सहायक माना गया है।

आंतरिक शक्ति और साहस में वृद्धि
कालाष्टमी के मंत्र मन में साहस, दृढ़ता और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, जिससे व्यक्ति कठिन परिस्थितियों का सामना बेहतर ढंग से कर पाता है।

आध्यात्मिक उन्नति
नियमित जाप से साधक की चेतना ऊंची होती है, ध्यान गहरा होता है और आध्यात्मिक प्रगति तेज होती है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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