Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में दो ग्रहण का महासंयोग, इन राशियों को रहना होगा सतर्क

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 06:55 AM (IST)

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Pitru Paksha 2025: इस साल 2025 में पितृपक्ष के 16 दिन बेहद खास होने वाले हैं। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है, जब हम अपने दिवंगत पूर्वजों को याद करते हैं और उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है और  21 सितंबर को इसका समापन होगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस बार पितृपक्ष में दो बड़े ग्रहण लगने वाले हैं। एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण। हाल ही में चंद्र ग्रहण लग चुका है और सूर्य ग्रहण 21 सितम्बर को लगेगा।  यह एक अत्यंत दुर्लभ संयोग है, जो काफी सालों बाद बन रहा है। इस दौरान, कुछ राशियों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत होगी क्योंकि यह संयोग उनके जीवन में कुछ चुनौतियां ला सकता है।

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इन 3 राशियों पर मंडरा सकता है संकट

मेष राशि
मेष राशि के जातकों को इस दौरान बहुत सावधान रहना चाहिए। ग्रहण के प्रभाव से आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन और बेचैनी बढ़ सकती है। आर्थिक मामलों में नुकसान होने की संभावना है, इसलिए किसी भी बड़े निवेश से बचें। पारिवारिक संबंधों में तनाव आ सकता है, इसलिए धैर्य से काम लें। आपको अपनी सेहत का भी खास ध्यान रखना होगा, खासकर यात्रा के दौरान सावधानी बरतें।

कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सूर्य ग्रहण का सीधा प्रभाव आपके मन पर पड़ेगा, जिससे अनावश्यक चिंता और तनाव बढ़ सकता है। कार्यक्षेत्र में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और आपके काम में बाधाएं आ सकती हैं। अपने विरोधियों से सावधान रहें। परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी बहस से बचें और शांति बनाए रखने का प्रयास करें।

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 कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को इस दौरान अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ग्रहण के प्रभाव से आपको पेट से संबंधित समस्याएं या अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना नहीं होगी, जिससे निराशा हो सकती है। आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है इसलिए सोच-समझकर खर्च करें। वाद-विवाद से बचें और शांति से काम लें।

पितृपक्ष में इन संकटों से बचने के उपाय

पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों के लिए विधिवत तर्पण और श्राद्ध करें। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और संकट दूर होंगे।

ग्रहण के दौरान और पितृपक्ष के 16 दिनों में महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करेगा।

इस दौरान जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। दान करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

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Content Editor

Prachi Sharma

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