श्राद्ध पक्ष : पितरों को करना है प्रसन्न, तो करें इन मंत्रों का उच्चारण

punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 02:32 PM (IST)

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प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की कृष्ण अमावस्या अर्थात सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या तक 16 पूरे 16 दिन तक श्राद्ध पक्ष चलता है। जो इस बार 20 सितबंर से शुरू हो चुका है। जिसके साथ ही पितरों को प्रसन्न करने और उन्हें मुक्त करने का सिलसिला भी प्रारंभ हो चुका है। इस दौरान सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लोग पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए विधि विधान से श्राद्ध तर्पण किया जाता है।  आप में से लगभग लोगों को इस बारे में जानकारी है परंतु बहुत कम लोग है जो इस बात की जानकारी रखते हैं कि पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध तर्पण के अलावा अन्य कई कार्य करने शुभ होते हैं। ज्योतिष व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों की मुक्ति के लिए जातक को पितृ गायत्री पाठ का उच्चारण करना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान पितृ गायत्री मंत्र का जप भी शुभ कार्य व पुण्य दाई माना जाता है।

कहा जाता है कि पितृ गायत्री पाठ को पढ़ने से तथा पितृ गायत्री मंत्रों का उच्चारण करने से पितरों के साथ सदैव नेताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है पूर्णिया में खासतौर पर पुत्र गायत्री मंत्र तथा ब्रह्म गायत्री मंत्र इस दौरान जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करवाता है तथा जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायता करता है।

तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये मंत्र-
1 ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

2. ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

3. ओम् देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च । नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।
 


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Content Writer

Jyoti

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