Masik Shivaratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर इन मंत्रों के जाप से मिटेंगे हर दोष, खुलेंगे सौभाग्य के द्वार
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 11:26 AM (IST)

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Masik Shivaratri 2025: भारत में शिवरात्रि का विशेष महत्व है। आमतौर पर महाशिवरात्रि की चर्चा सबसे अधिक होती है लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी होती है कि हर महीने मासिक शिवरात्रि भी आती है, जो शिव उपासकों के लिए अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायक होता है जो शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। मासिक शिवरात्रि हर चंद्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। यानी हर महीने एक बार यह पवित्र रात्रि आती है, जब शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह रात्रि शिव और शक्ति के मिलन की प्रतीक मानी जाती है, जब शिव अपने भक्तों के सभी दुख दूर करते हैं।
इन मंत्रों का करें जाप-
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
यह मंत्र शरीर के रोगों को हरने वाला, जीवन में शक्ति और दीर्घायु प्रदान करने वाला माना गया है। प्रतिदिन 108 बार जाप करने से रोगों से राहत मिलती है और मानसिक शांति मिलती है।
पंचाक्षर मंत्र:
ॐ नमः शिवाय॥
यह अत्यंत सरल और प्रभावशाली मंत्र है। इसे शिव पंचाक्षर कहा जाता है, जो शरीर की पांचों तत्वों को संतुलित करता है। इस मंत्र का निरंतर जाप मानसिक शांति, आध्यात्मिक जागरण और रोगों से मुक्ति देता है।
मंत्र जाप की विधि
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
एक शांत स्थान पर आसन लगाएं और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाएं और जल या दूध से अभिषेक करें।
कम से कम 108 बार जपमाला से मंत्र जाप करें।
जाप के बाद शिव आरती करें और शांति के लिए प्रार्थना करें।
यदि आप रात्रि में जागरण कर सकते हैं, तो रात्रिकाल में मंत्र जाप और शिव ध्यान का फल कई गुना बढ़ जाता है। मासिक शिवरात्रि की रात्रि को विशेष रूप से तप, ध्यान और मंत्र सिद्धि की रात्रि माना जाता है।
इस दिन क्या न करें ?
मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से परहेज करें।
झूठ, छल और क्रोध से दूर रहें।
किसी की निंदा या अपमान न करें।
शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें।