Parthasarathy Temple: धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक चमत्कार का संगम है पार्थसारथी मंदिर, जानें इसकी अद्भुत कहानी

punjabkesari.in Friday, Aug 22, 2025 - 07:40 AM (IST)

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Parthasarathy Temple: देश-दुनिया में वैसे तो श्री हरि के कई अद्भुत और आकर्षित मंदिर स्थापित है। चेन्नई के ह्रदय में स्थित पार्थसारथी मंदिर न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह स्थल आध्यात्मिकता और भक्ति का भी जीवंत केंद्र है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के पार्थसारथी रूप को समर्पित है। वह स्वरूप जिसमें उन्होंने महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथी बनकर धर्म की रक्षा की थी। इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि यहां श्रीहरि पांच अलग-अलग रूपों में पूजे जाते हैं। इन सभी रूपों के माध्यम से भक्त भगवान विष्णु की विविध लीलाओं का दर्शन करते हैं।

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इतिहास और वास्तुकला
पार्थसारथी मंदिर का निर्माण मूल रूप से 8वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं द्वारा कराया गया था, जिसे बाद में चोल और विजयनगर राजवंशों ने विस्तार और संरक्षण प्रदान किया। इसका मुख्य द्वार तमिल वास्तुकला की सुंदरता और भव्यता को दर्शाता है। मंदिर में भगवान विष्णु के पांच स्वरूपों योगानंद नारायण, रामा, गोविंद, नरसिंह, वेंकटेश्वर की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा होती है।

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धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र
यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थल नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों, संगीत, और वेदों के अध्ययन का भी केंद्र रहा है। यहां वैष्णव परंपरा की समृद्ध विरासत आज भी जीवंत रूप में देखी जा सकती है। मंदिर का प्रबंधन तमिलनाडु सरकार द्वारा किया जाता है, जो इसकी देखरेख और उत्सवों के आयोजन को देखती है।

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Content Editor

Sarita Thapa

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