Parshuram Dwadashi: आज शुभ मुहूर्त में करें ये पूजा, भर जाएगी सूनी गोद
punjabkesari.in Tuesday, May 02, 2023 - 07:03 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Parshuram Dwadashi 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी को परशुराम द्वादशी मनाई जाती है। आज के दिन भगवान परशुराम की पूजा करने से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है। वैसे तो हिंदू धर्म में संतान प्राप्ति की कामना के लिए बहुत से व्रत, उपवास किए जाते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार ये व्रत बहुत ही खास माना गया है। आज के दिन भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में अवतार लिया था। भगवान परशुराम को अजर-अमर माना गया है इसलिए उनकी पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और सूनी गोद को भरने की ख्वाइश भी जल्द पूरी होती है। तो आइए जानतें हैं कौन से शुभ मुहूर्त में भगवान परशुराम की पूजा करनी चाहिए-
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Parshuram Dwadashi Muhurat परशुराम द्वादशी मुहूर्त: वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 1 मई 2023 को रात 10 बजकर 09 मिनट पर होगी और अगले दिन 2 मई 2023 को रात 11 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 2 मई को परशुराम द्वादशी मनाई जाएगी।
Pooja Muhurta पूजा मुहूर्त - सुबह 08.59 से दोपहर 12.18 तक
Tripushkar Yoga त्रिपुष्कर योग - सुबह 05.40 से रात 07.41 तक
Parshuram Dwadashi Puja Method परशुराम द्वादशी पूजा विधि: आज स्नान-ध्यान से फ्री होकर व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर में बैठकर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें। गंगाजल या किसी शुद्ध जल से चित्र या मूर्ति को पवित्र करें। परशुराम जी का ध्यान करते हुए उनको 21 पीले फूल अर्पित करें और पीले रंग की कोई भी मिठाई तुलसी पत्र डालकर अर्पित करें। परशुराम जी की कथा सुनने के बाद इन मंत्रों का 108 बार जाप करें-
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।
'ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:।।
'ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।'
इन मंत्रों का जाप करने से संतान प्राप्ति की कामना बहुत जल्द पूर्ण हो जाती है।