Narasimha Temple: नरसिंह मंदिर का चमत्कार, यहां मूर्ति नहीं साक्षात जीवित रूप में हैं भगवान
punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 02:00 PM (IST)

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Narasimha Temple: भारत में भगवान विष्णु के चौथे अवतार, भगवान नरसिंह के कुछ ही मंदिर मिलते हैं लेकिन तेलंगाना के वारंगल जिले के मल्लूर गांव में स्थित एक विशेष मंदिर भक्तों के बीच अद्वितीय आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि यहाँ विराजमान भगवान नरसिंह की मूर्ति को जीवित माना जाता है।
इस मंदिर में स्थापित नरसिंह स्वामी की प्रतिमा को देख भक्तों को ऐसा महसूस होता है मानो भगवान साक्षात उनके सामने खड़े हों। मूर्ति की आंखों और चेहरे से एक दिव्य प्रकाश झलकता है और इसकी त्वचा इतनी मुलायम है कि छूने पर यह इंसानी त्वचा जैसी लगती है। खास बात यह है कि अगर मूर्ति को हल्के से दबाया जाए, तो वहां गड्ढा बन जाता है और कुछ अनुभवों में रक्तस्राव तक की बात सामने आई है।
चंदन से किया जाता है उपचार
स्थानीय पुजारियों का कहना है कि मूर्ति से खून बहने की घटनाओं को रोकने के लिए नियमित रूप से चंदन का लेप किया जाता है। यह परंपरा न केवल मूर्ति को शीतलता देने के लिए है बल्कि यह भक्तों की आस्था और मंदिर की दिव्यता को भी जीवित बनाए रखती है।
मनोकामनाओं का केंद्र
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में की गई प्रार्थना भगवान नरसिंह तक सीधी पहुंचती है। यहां आने वाले कई भक्तों का दावा है कि उन्हें अपने जीवन में तुरंत सकारात्मक बदलाव देखने को मिले। कोई रोगमुक्त हुआ, तो किसी को संतान सुख की प्राप्ति हुई। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां अपने जीवन की उलझनों का समाधान पाने आते हैं।
मंदिर का स्थापत्य और आध्यात्मिक वातावरण
मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली की छाप लिए हुए है। मुख्य द्वार पारंपरिक गोपुरम के आकार का है, और दीवारों पर देवी-देवताओं की सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 150 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं लेकिन भक्त इसे आध्यात्मिक यात्रा मानते हैं। हर कदम पर एक नया अनुभव होता है- शांति, ऊर्जा और विश्वास।
भव्य उत्सव: ब्रह्मोत्सवम
यहां हर वर्ष आयोजित होने वाला ब्रह्मोत्सवम उत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। इस दौरान मंदिर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें देवताओं को सुसज्जित रथों में नगर भ्रमण कराया जाता है।