Narasimha Jayanti 2019ः इस तरह पूजन करने से मिलेगा लाभ

punjabkesari.in Thursday, May 16, 2019 - 02:59 PM (IST)

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वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती का पर्व मनाया जाएगा, जोकि इस बार कल यानि कि 17 मई दिन शुक्रवार को है। कहते हैं कि भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार इस दिन भगवान नृसिंह ने खंभे को चीरकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए अवतार लिया था। इसलिए इस दिन नृसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस बात से तो सब वाकिफ ही होंगे कि भगवान नृसिंह भगवान विष्णु के अवतार हैं और जैसे कि सब जानते हैं कि उनके हर अवतार के पीछे उनके भक्तों की रक्षा का सवाल छिपा होता है। नृसिंह अवतार उन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए लिया था। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इस दिन पूरे मन से इस व्रत का पालन करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं नृसिंह भगवान पूरी करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और कैसे व्रत का पालन करना चाहिए। 
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व्रत वाले दिन व्रती को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही उठना चाहिए, तभी व्रत करने वाले को फल मिलता है और स्नान करना चाहिए। 

उसके बाद पूरे घर की साफ-सफाई करें और बाद में गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें। जिससे कि घर को शुद्ध व पवित्र किया जा सके। 

पूजा के स्थान को गोबर से लीपकर तथा कलश में तांबा इत्यादि डालकर उसमें अष्टदल कमल बनाना चाहिए।
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अष्टदल कमल पर सिंह, भगवान नृसिंह तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए। तत्पश्चात वेदमंत्रों से इनकी प्राण-प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए।

रात्रि में गायन, वादन, पुराण श्रवण या हरि संकीर्तन से जागरण करें। दूसरे दिन फिर पूजन करके ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

कहते हैं कि इस दिन व्रती को दिनभर उपवास रखना चाहिए और सामर्थ्य अनुसार भू, गौ, तिल, स्वर्ण तथा वस्त्रादि का दान देना चाहिए।

इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

इस व्रत का फलः
व्रत करने वाला व्यक्ति लौकिक दुःखों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष का प्राप्त करता है।
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भगवान नृसिंह सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

व्रती को इच्छानुसार धन-धान्य की प्राप्ति होती है।


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