नारद मुनि थे दुनिया के सबसे पहले पत्रकार ? पत्रकारिता में बनना है Expert तो आज ज़रूर करें इनकी पूजा
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 07:48 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Narada jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देवर्षि नारद जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यानी साल 2025 में नारद जयंती का पर्व 13 मई को मनाया जाएगा। शास्त्रों की मानें तो नारद जी को ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक माना गया है। नारद जी हाथ में वीणा लिए हुए हैं। वह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के परम भक्त थे। उनको तीनों लोकों में वायु मार्ग के द्वारा आने-जाने का वरदान मिला हुआ था इसलिए वह विष्णु जी की महिमा का बखान तीन लोकों में किया करते थे। इसी कारण उन्हें तीनों लोकों की खबर रहती थी। यही वजह है कि उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी माना जाता है। उन्होंने कठिन तपस्या के द्वारा ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया था। मान्यता है कि नारद जयंती के दिन देवर्षि नारद की आराधना करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन सदैव सुखमय रहता है। जो लोग पत्रकारिता की लाइन में हैं या फिर पत्रकारिता में दिलचस्पी रखते हैं। उन्हें इस दिन नारद मुनि की पूजा ज़रूर करनी चाहिए। जानते हैं नारद जयंती का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-
तो आईए जानते हैं नारद जयंती की पूजा विधि
नारद जयंती के दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद आपको पूजा स्थल की साफ-सफाई करनी चाहिए।
इसके बाद पूजा स्थल पर नारद जी का ध्यान करते हुए दीपक जलाना चाहिए।
नारद जी को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है इसलिए नारद जयंती के दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु की पूजा आराधना भी आप कर सकते हैं।
इस दिन भगवद् गीता का पाठ करने से नारद जी की कृपा प्राप्त होती है।
पूजा करते समय नारद जी को फलों और मिठाई आदि का भोग लगाना चाहिए।
पूजा के अंत में नारद जी की आरती करनी चाहिए और इसके बाद प्रसाद का वितरण घर के सभी लोगों में करना चाहिए।