Mangla Gauri Vrat vidhi: इस विधि से करें मंगला गौरी व्रत पूजा, विवाह और ससुराल संबंधी बाधाएं होंगी दूर

punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 06:30 AM (IST)

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Mangla Gauri Vrat 2025: मंगला गौरी व्रत खासतौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार में प्रचलित है। हालांकि देश के अन्य हिस्सों में भी इसे मनाया जाता है लेकिन वह तारीख इन राज्यों से अलग रहती है। जिन कन्याओं का विवाह लंबित है या विवाहोपरांत समस्याएं हैं। उन्हें यह व्रत रखना लाभदायक रहता है। अन्य महिलाएं संतान व पति सुख के लिए यह व्रत रखती हैं।

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Materials for Mangala Gauri Vrat Puja मंगला गौरी व्रत पूजा के लिए सामग्री:
हल्दी-लाल सिंदूर से रंगा हुआ लकड़ी का पट
लाल वस्त्र (माता के आसन हेतु)
चांदी या मिट्टी की गौरी माता की मूर्ति (जिसे ‘मंगला गौरी’ कहा जाता है)
16 श्रृंगार सामग्री
5 प्रकार के मिष्ठान्न
गेहूं से भरे 5 पात्र (कलश-आधार)
5 दीपक (पंचदीप), जिसमें गाय का घी हो

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Method of worship of Mangala Gauri fast मंगला गौरी व्रत पूजा विधि:
ब्राह्म मुहूर्त में स्नान कर के लाल वस्त्र धारण करें।

पूजन स्थान पर उत्तर-पूर्व दिशा में लाल वस्त्र बिछा कर, उस पर गेहूं के ढेर में मंगला गौरी की प्रतिमा स्थापित करें।

अब माता को शिवपत्नी सौभाग्यदायिनी गौरी देवी कहकर आह्वान करें।

निम्न दुर्लभ मंत्र से प्राण प्रतिष्ठा करें: ॐ मंगले मङ्गलाधारे सर्वसिद्धिप्रदायिनि।सौभाग्यं देहि मे नित्यं गृहस्थे सुखमावह।।

16 श्रृंगार अर्पित करें विशेषकर लाल चूड़ियां, सिंदूर, महावर, काजल।

5 दीपक चार कोनों और एक मध्य में जलाकर गौरी चंद्रिका व्रतकथा सुनें या पढ़ें।

अब माता को 5 प्रकार के पकवान (खीर, पूरी, हलवा, मीठा पान, नारियल) अर्पित करें।

इस मंत्र को बोलते हुए प्रार्थना करें: या देवी सर्वभूतेषु गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

रात्रि जागरण करें, यह एक विशेष तांत्रिक रहस्य माना गया है कि रात्रि में माता की उपस्थिति अत्यधिक सक्रिय रहती है। अगले दिन सवेरे व्रत का उद्यापन करें, सुहागिनों को सिन्दूर, चूड़ी और हल्दी दें।

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Mangala Gauri fast special secret remedies मंगला गौरी व्रत विशेष गुप्त उपाय:
श्रावण के तीसरे मंगलवार को 11 बार निम्न गुप्त मंत्र का उच्चारण कर, सिंदूर से गौरी माता का त्रिकोणिक यंत्र बनाकर अर्पण करें:

गुप्त मंत्र: ॐ क्लीं गौर्यै स्वाहा॥

इसके मंत्र के प्रभाव से विवाह, सौभाग्य और ससुराल संबंधी समस्त बाधाएं दूर होती हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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