नागार्जुन बेशा: 26 साल बाद हो रहा है जगन्नाथ मंदिर में ये अनुष्ठान
punjabkesari.in Saturday, Dec 26, 2020 - 04:03 PM (IST)

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खबरों के अनुसार आज यानि 26 दिसंबर, 2020 दिन शनिवार को ओ़डिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ-सथआ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का ‘नागार्जुन बेशा' किया जाएगा। बताया जा रहा है कि लगभग 26 वर्ष के बाद यहां ये भव्य अनुष्ठान होने जा रहा है। हालांकि कोरोना काल चल रहा है, इसलिए फैसला लिया गया है कि यह समारोह केवल सेवक और मंदिर के अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न होगा। यहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस अवसर पर देवताओं को योद्धाओं के समान तैयार किया जाता है। इससे पहले यह अनुष्ठान वर्ष 1994 में आयोजित किया गया था।
बता दें बीते सोमवार 'नागार्जुन बेशा' अनुष्ठान की तैयारियों की शुरुआत करने के लिए 'बेशा अनुकुला' समारोह पुरी श्रीमंदिर में आयोजित किया गया था। इस मौके पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए गहने और कपड़े डिजाइन करने का जिम्मा तैयार करने वाले सर्वसिटर कारीगर बालाराम खूंटिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह पहला मौका है जब :"मैं नागार्जुन बेशा के लिए पोशाक डिजाइन कर रहा हूं।"
जब पहली बार 1994 में बेशा बनाया गया तब मैं बहुत छोटा था और इसलिए पोशाक डिजाइन नहीं कर सक। मगर उनका परिवार लंबी अवधि से यह सेवा प्रदान कर रहा है। अब उन्हें पास भगवान के इस दुर्लभ बेशा की तैयारी शुरू करने के लिए अंग्यामला (दिव्य मंजूरी) के अधिकार मिला है। जानकारी के लिए बता दें कि नागार्जुन बेशा भगवान विष्णु के क्षत्रिय अवतार परशुराम द्वारा सहस्त्रार्जुन के वध के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसलिए इस अवसर पर देवता नागा योद्धा के रूप में तैयार होते हैं, जो तीर, धनुष, हाला (हल), हेलमेट, चक्र (पहिया) और मुसला (गदा) सहित स्वर्ण अस्त्रों से परिपूर्ण होते हैं। यह पर्व कार्तिक मास के दौरान कभी-कभी मनाया जाता है। इस वर्ष, अश्विन (प्रवेश मास) के बाद एक अतिरिक्त महीने के कारण, पवित्र त्रिमूर्ति का विशेष पर्व 27 नवंबर को पंचुका के छठे दिन आयोजित किया जा रहा है।