Muni Shri Tarun Sagar- बुजुर्ग ये आदत छोड़ दें तो उन्हें आखिरी वक्त तक सम्मान से दाल-रोटी मिलती रहेगी

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2024 - 08:18 AM (IST)

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प्रेम सिर्फ प्रेम है
प्रेम ही ईश्वर है, किसी ने उसे वशीकरण मंत्र तो किसी ने कुछ और बताया लेकिन मेरा मानना  है कि प्रेम सिर्फ प्रेम है, जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। प्रेम अमर है। यह ऐसी दवा है जिसकी कोई एक्सपाइयरी डेट नहीं होती। यह दवा हर मौके पर कारगर होती है। आंखों में प्रेम देख कर कुत्ता भी पूंछ हिलाने लगता है और अगर आंखों में प्रेम न हो तो पत्नी भी नहीं पूछती।

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शांति आ जाएगी
किसी ने पूछा, ‘‘शांति चाहिए, इसके लिए क्या करूं?’’
मैंने कहा, ‘‘कुछ मत करो, बल्कि जो कर रहे हो उसे बंद कर दो, शांति आ जाएगी। आप झूले पर झूल रहे हो और पैर से टेका लगा रहे हो, यदि वह टेका लगाना बंद कर दो तो झूला अपने आप थम जाएगा। इसी तरह सोने की चेन जो आपको बेचैन कर रही है, उसे उतार फैंको तो मन भक्ति में रम जाएगा।’’
अति परिचय और अति परिग्रह मन की अशांति का कारण हैं।

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सुख-साधना से
सुख का पैसे से कोई संबंध नहीं है। अगर होता तो जो जितना अधिक धनी होता, वह उतना ही अधिक सुखी होता और दिगम्बर मुनि तो दुख की पराकाष्ठा होता मगर सच्चाई इससे उल्टी है। धनी से धनी आदमी भी अपने दुख का रोना रो रहा है और मुनि चटाई पर भी चैन की नींद सो रहा है। धन से सुविधाएं मिल सकती हैं, सुख नहीं। सुविधाएं तन को सुख दे सकती हैं, मन को नहीं। सुख साधनों से नहीं, साधना से मिलता है।

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घुंघरू और हीरे
मेरा मानना है कि बुजुर्ग लोग टोका-टाकी की आदत छोड़ दें तो उन्हें आखिरी वक्त तक सम्मान से दाल-रोटी मिलती रहेगी। क्या तुम्हें पता नहीं कि बहुत बोलने वाले घुंघरू पैरों में पहने जाते हैं और मौन धारने वाले हीरे मस्तक पर चढ़ जाते हैं। कुछ लोग इसलिए दुखी हैं कि वे ज्यादा बोलते हैं और कुछ लोग इसलिए दुखी हैं कि वे कुछ नहीं बोलते। कहां बोलना है और कहां नहीं, इतना विवेक तो होना ही चाहिए।

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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