Muni Shri Tarun Sagar: जानें, इस दुखी संसार में सुखी कौन?
punjabkesari.in Thursday, Dec 29, 2022 - 09:48 AM (IST)
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हर हाल में मस्त रहें
जीवन की साधना कुछ इस तरह बनाएं कि हर हाल में मस्त रहें। फूल अर्थी पर चढ़े या मंदिर में, हर हाल में महकता है। धुआं हवन का हो या कफन का, उसके रंग में कोई फर्क नहीं पड़ता। जीवन में कभी विपत्ति आए तो कठोर बन कर जीना और सम्पत्ति आए तो कोमल। आपत्ति के क्षणों में चेहरे से मुस्कान न जाए और सम्पत्ति के क्षणों में चेहरे पर अहंकार न आए।
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सुखी कौन
शिष्य ने पूछा, ‘‘गुरुदेव, इस दुखी संसार में सुखी कौन?’’
गुरु ने कहा, ‘‘वत्स, जिसे किसी का एक पैसा भी ऋण न चुकाना हो और शौच में एक मिनट से भी ज्यादा वक्त न लगाता हो, उस जैसा सुखी कोई नहीं हो सकता। जो किसी का कर्जदार नहीं होगा, वह मस्त रहेगा और जिसे शौच करते वक्त इंतजार न करना पड़े, उसकी पाचन शक्ति का क्या कहना। उसे कब्ज नहीं रहता और कब्ज ही पचास तरह के रोगों का कारण है।’’
दोष किसका
रसोई में घी का बर्तन रखा है। बहू चली, ठोकर लगी और घी गिर गया। सास चिल्लाई, ‘‘अंधी है क्या, देख कर नहीं चलती।’’
चार दिन बाद घी का बर्तन वहीं रखा था। सास चली, ठोकर लगी और घी गिर गया। सास फिर चिल्लाई, ‘‘बहू! तुझमें इतनी भी अक्ल नहीं कि बर्तन कहां रखना है। यह कोई रखने की जगह है। सारा घी गिर गया।’’
कई सास ऐसी ही हैं, हर हाल में अपने को बचा लेती हैं और सारा दोष बहू के मत्थे मढ़ देती हैं।