‘No admission without permission’ वाला बोर्ड यहां काम नहीं आता
punjabkesari.in Tuesday, Oct 27, 2020 - 11:17 AM (IST)
कड़वे प्रवचन लेकिन सच्चे बोल- मुनि श्री तरुण सागर जी
अगर आप
अगर आप सास हैं तो अपनी बहू को इतना प्रेम दें कि बहू अपने पीहर के फोन नम्बर ही भूल जाए। अगर आप बहू हैं तो अपनी सास का इतना आदर करें कि सास अपनी बेटी का नाम लेना ही भूल जाए। अगर आप बाप हैं तो अपने बेटे को ऐसे संस्कार दें जो उसे भवसागर से तार दे और अगर आप बेटे हैं तो ऐसा जीवन जिएं कि दुनिया आपके मां-बाप से पूछे कि आखिर किस तपस्या के फल से तुमने ऐसा होनहार बेटा पाया है।
पाप से बचिए
मौत से बचने की कोशिश करने की बजाय पाप से बचिए। जिंदगी कुछ ऐसे गुजारिए कि मृत्यु महोत्सव बन जाए। आपको पता है ‘नो एडमिशन विदाऊट परमिशन’ वाला बोर्ड यहां काम नहीं आता। मृत्यु से घबराइए मत। वह ऐसे भी आनी है और वैसे भी आनी है। अत: जो चीज आनी ही है उससे आनाकानी करना नादानी है।
जब सुबह उठो
सुबह उठो तो प्रार्थना करना मत भूलो। सुबह की प्रार्थना में बड़ी ताकत होती है। सारे फूल सुबह ही खिलते हैं। ज्यादातर बच्चे सुबह जन्मते हैं। मरीज की पीड़ा सुबह-सुबह कम हो जाती है। सुबह झगड़े कम होते हैं। सुबह उठते ही किसी के घर में आग लगाने का काम मत करो। सुबह आग नहीं सिर्फ बाग लगाओ, आग लगाने के लिए तो पूरा दिन पड़ा है, आखिर इतनी भी क्या जल्दी है।
आप कौन हैं
दुनिया में चार तरह के लोग हैं। एक वे, जिनका मानना है कि मेरा तो मेरा है ही, तेरा भी मेरा है। यह मिथ्यादृष्टि है। दूसरे वे, जिनका मानना है कि भाई! मेरा मेरा है और तेरा तेरा है। यह सम्यक दृष्टि है। तीसरे वे जिनका मानना है कि भाई! तेरा तेरा ही है, मेरा भी तेरा है। यह संत-दृष्टि है और चौथे वे, जिनका मानना है कि न मेरा है-न तेरा है यह सब एक झमेला है- यह हंस दृष्टि है। इन चारों में आप कौन हैं?