मदर टेरेसा की मदद का भूखे परिवार ने दिया अद्भुत उत्तर

punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2019 - 10:17 AM (IST)

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मदर टेरेसा दिन-रात गरीबों की सेवा में लगी रहती थीं। वह जरूरतमंदों तक खुद पहुंच जाती थीं। एक बार उन्हें पता चला कि एक बहुत ही गरीब परिवार है जिसके घर आज खाना नहीं बना है। वह वहां चावल लेकर पहुंचीं। परिवार में एक महिला और 8 बच्चे थे। मदर टैरेसा को देखकर घर की महिला खड़ी हुई और उनसे चावल पाकर बार-बार उनका धन्यवाद करने लगी। वह बोली, ‘‘मदर, आप जरा बैठें, मैं अभी आई।’’ 
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वह मदर टेरेसा के लिए चावल लेकर घर से बाहर चली गई। महिला का अजीब व्यवहार देखकर मदर असमंजस में पड़ गईं और घर के कोने में रखी एक टूटी-सी कुर्सी पर बैठ गईं। कुछ देर बाद वह महिला लौटी तो चावल का पात्र खाली था। यह देखकर मदर बोलीं, ‘‘आप कहां गई थीं?’’

महिला बोली, ‘‘मेरे निकट की झोंपड़ी में एक मुस्लिम परिवार के सदस्य कई दिनों से भूखे थे। उस परिवार में भी छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्हें इन चावलों की आवश्यकता मेरे परिवार से कहीं ज्यादा थी। मैं उन्हें चावल देने गई थी।’’ 

मदर महिला की ओर गर्व से देख ही रही थीं, तभी महिला का पुत्र एक डिब्बा लेकर आया और बोला, ‘‘मदर, यह लीजिए।’’
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मदर हैरानी से देखते हुए बोलीं, ‘‘इसमें क्या है?’’ 

बालक बोला, ‘‘मुझे चीनी बहुत पसंद है इसलिए मेरी मां भोजन के समय थोड़ी चीनी खाने को देती थीं। मैं कई बार उस चीनी को बचा कर डिब्बे में इकट्ठा कर लेता था कि मन करने पर खाऊंगा। हमारी बस्ती में अनेक बच्चे भूखे हैं और आप भूखों को भोजन बांट रही हैं तो यह चीनी भी उन बच्चों को दीजिएगा। वे चीनी के साथ सूखी रोटी भी अच्छे से खा सकेंगे।’’
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मदर टेरेसा मां और बालक की मानवीयता देखकर अभिभूत हो गईं और बोलीं, ‘‘धन्य है यह देश जहां स्वयं भूखे रहकर भी लोग दूसरों की भूख मिटाने का प्रयास करते हैं।’’


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