‘द’ अक्षर मंत्र का रहस्य जानने के बाद हर समस्या का होगा The End

punjabkesari.in Monday, Dec 27, 2021 - 01:37 PM (IST)

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Most powerful mantra: हिंदू धर्म में वेदों, उपनिषदों और पुराणों में प्रजापति के संबंध में बहुत सारी कथाएं लोकप्रिय हैं। माना जाता है की वैदिक काल में प्रजापति एक वैदिक देवता, ब्रह्मा के पुत्र और सृष्टिकर्ता थे। तैत्तिरीय ब्राह्मण के अनुसार प्रजापति सृष्टि को उत्पन्न करने के बाद माया के अधीन होकर अलग-अलग शरीरों में बंध कर रह गए। देवताओं ने उन्हें विभिन्न शरीरों से मुक्त करने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया। 

PunjabKesari Most powerful mantra

एक समय की बात है देव, मनुष्य तथा असुर तीनों प्रजापति के पास पहुंचे और उनसे कल्याणकारी उपदेश देने की प्रार्थना की। प्रजापति ने कहा, ‘‘मैं तीनों के लिए ‘द’ अक्षर मंत्र प्रदान करता हूं।’’ 

‘द’ अक्षर मंत्र को न समझ पाने के कारण तीनों एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। प्रजापति ने देव से कहा, ‘‘देवों के लिए अहंकार सबसे अधिक घातक होता है। अत: ‘द’ अक्षर में तुम्हारे लिए संदेश छिपा है। इंद्रिय के अहंकार आदि दोषों का दमन करना।’’ 

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उन्होंने मनुष्य को समझाया, ‘‘मानव को निरंतर सेवा तथा परोपकार में तत्पर रहना चाहिए। तुम्हारे लिए ‘द’ का अर्थ है निरंतर देते रहना। सेवा और परोपकार के कार्यों में तन-मन और धन से सहयोग देते रहना ही मानव का धर्म है।’’ 

उन्होंने असुरों को ‘द’ का रहस्य समझाते हुए बताया, ‘‘असुर तामसी वृत्ति के कारण कहीं क्रूर न बन जाएं इसलिए तुम्हारे लिए ‘द’ का संदेश दया है। दया भावना ही तुम्हें अध:पतन से बचाएगी।’’ 

प्रजापति ने अपने एक ही अक्षर मंत्र से इंद्रिय-दमन, सर्वस्व-दान तथा करुणामय- दया का अनूठा और मूल्यवान उपदेश तीनों को दे दिया।  

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Content Writer

Niyati Bhandari

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