Inspirational Story: क्यों नहीं टिकता सिर्फ मेरा ही जलवा ? जानिए सफलता का असली रहस्य

punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 07:10 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Story: अंगिरा ऋषि का शिष्य उदयन बड़ा प्रतिभाशाली था। वह सदैव यही चाहता था कि पहले उसे ही प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिले या लोग सिर्फ उसी का प्रदर्शन देखते रहें। अत: वह सहयोगियों से अलग अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास करता था। अंगिरा ऋषि ने उदयन की इस आदत को पहचान कर सोचा कि यह प्रशंसा पाने की लालसा है। प्रशंसा पाकर इसके भीतर अहंकार का जन्म होगा। यह आदत इसे ले डूबेगी। अत: उसे समय रहते ही समझाना होगा।

PunjabKesari inspirational Story

सर्दी के दिन थे। अंगिरा ऋषि अपने शिष्यों के साथ सत्संग कर रहे थे। बीच में रखी अंगीठी में कोयले दहक रहे थे।

 अचानक वे बोले, “कैसी सुंदर अंगीठी दहक रही है। इसका श्रेय क्या अंगीठी में दहक रहे कोयलों का है ?”

उदयन के साथ अन्य शिष्यों ने भी हामी भरी। फिर अंगिरा ऋषि ने एक बड़े चमकदार अंगारे की ओर इशारा करके कहा, “देखो, यह कोयला सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा तेजस्वी है। इसे निकालकर मेरे पास रख दो। मैं बूढ़ा हूं, अत: ऐसे तेजस्वी अंगारे का लाभ निकट से लूंगा।” उदयन ने एक चिमटे से पकड़कर वह अंगारा ऋषि के समीप रख दिया। फिर सब लोग पहले की तरह बातचीत करने लगे।

PunjabKesari inspirational Story

थोड़ी ही देर में वह अंगारा मुरझा गया। उस पर राख की परत जम गई। वह बुझा हुआ कोयला भर रह गया।

इस पर अंगिरा ऋषि बोले, “शिष्यो देखा तुमने ? तुम चाहे जितने तेजस्वी हो, परन्तु इस कोयले जैसी भूल मत कर बैठना। अंगीठी में वह अंत तक तेजस्वी बना रहता और सबके बाद तक गर्मी देता। लेकिन अब इसमें वह तेज नहीं रहा कि हम इसका कोई लाभ उठा सकें।” उदयन के साथ-साथ दूसरे शिष्य भी समझ गए कि ऋषि परिवार की परंपरा वह अंगीठी है जिसमें प्रतिभाएं संयुक्त रूप से आगे बढ़ती हैं।

व्यक्तिगत प्रतिभा का अहंकार न तो टिकता है और न ही फलित होता है।

PunjabKesari inspirational Story

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News