Mithun Sankranti 2020: महिलाओं के मासिक धर्म के साथ जुड़ा है ये पर्व

punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 07:22 AM (IST)

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Mithun Sankranti 2020: सूर्य भगवान को वेदों में आत्मा का दर्जा दिया गया है। यह बात आज हर जीव को पता है कि सूर्य से ही पृथ्वी का जीवन है। सूर्य को जगत की ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियां होती हैं। सूर्य हर राशि में लगभग एक महीने विराजमान रहते हैं, यह सिलसिला मेष राशि से शुरू हो कर मीन राशि तक चलता है। इस तरह 12 महीनों में 12 राशियों में सूर्य विचरण करते हैं। सूर्य जिस दिन राशि परिवर्तन करते हैं, उस दिन को सक्रांति कहते हैं। हिन्दू धर्म में सक्रांति का बहुत महत्व होता है। भारत के बहुत से राज्यों जैसे गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उड़ीसा आदि में यह पर्व साल के आरम्भ के रूप में मनाया जाता है, जबकि बंगाल और असम जैसी कुछ जगह में इस पर्व को साल के अंत के रूप में मनाया जाता है।

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कैसे मनाई जाती है मिथुन संक्रांति Mithuna Sankranti celebration
सूर्य जब वृषभ राशि को छोड़ कर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन को मिथुन सक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 14 जून को मनाया जा रहा है। यह पर्व चार दिन तक मनाया जाता है। जिस तरह महिलायों को हर महीने मासिक धर्म होता है जो उनके शरीर के विकास का प्रतीक होता है। माना जाता है कि इसी प्रकार धरती माता को इस पर्व से तीन दिन पहले तक मासिक धर्म हुआ, जो धरती के विकास का प्रतीक है। पत्थर से बने सिल बट्टे को धरती माता के रूप में देखा जाता है। चौथे दिन उस सिल बट्टे को दूध से स्नान करवाया जाता है, फिर उसे चन्दन, सिंदूर, हल्दी और फूल चढ़ाया जाता है। उसके बाद उनको गुड़, नारियल, चावल के आटे और देसी घी से बनी मिठाई पोड़ा–पीठा चढ़ाया जाता है। इस दिन चावल किसी भी रूप में ग्रहण नहीं करना चाहिए।

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भू देवी को भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ की पत्नी के रूप में पूजा जाता है। उनकी चांदी की मूर्ति आज भी उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर में विराजमान है।

आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट – www.goas.org.in

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Niyati Bhandari

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