Manimahesh kailash: जानें, शिव जी के विवाह से जुड़ी मणिमहेश कैलाश और उसकी रहस्यमय महिमा
punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 03:36 PM (IST)

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Manimahesh kailash: भारत में वैसे तो शिव जी के कई अद्भुत और सुंदर मंदिर देखने को मिलते हैं। इन्हीं में से एक भगवान शिव का निवास स्थान कहे जाने वाला मणिमहेश कैलाश है। मणिमहेश कैलाश हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले में स्थित एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मणिमहेश पर्वत या मणिमहेश कैलाश कहा जाता है। हर साल शिव जी के हजारों भक्त पूरी श्रद्धाभाव के साथ मणिमहेश कैलाश की यात्रा करने जाते हैं। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 5,653 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि देवों के देव महादेव और माता पार्वती से विवाह के पूर्व इस कैलाश को बनाया था। तो आइए जानते हैं इस कैलाश से जुड़े रहस्य के बारे में-
मणिमहेश झील का पौराणिक महत्व
मान्यता है कि भगवान शिव ने विवाह से पूर्व इस स्थान पर तपस्या की थी और यहीं पर उन्होंने मां पार्वती के साथ विवाह के बाद निवास किया था। मणिमहेश शब्द का अर्थ है- मणि और महेश है। मानसरोवर की तरह यह झील भी अत्यंत पवित्र मानी जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव के शीश पर विराजमान मणि की चमक इस झील में कभी-कभी दिखाई देती है। माना जाता है कि जो लोग मणिमहेश यात्रा करते हैं। उनके पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति है।
मणिमहेश कैलाश यात्रा
मणिमहेश कैलाश का संबंध देवों के देव महादेव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि जब भगवान शिव ने मां पार्वती से विवाह किया तो विवाह के बाद वे मणिमहेश कैलाश पर आकर तपस्या और ध्यान में लीन हो गए। यह स्थान उन्हीं का एक दिव्य निवास माना जाता है। हर साल शिव जी के हजारों भक्त मणिमहेश कैलाश यात्रा करने आते हैं। यह यात्रा भरमौर से शुरू होती है। यहां से श्रद्धालुओं को 13 किलोमीटर आगे पैदल यात्रा करना पड़ता है। हर साल भाद्रपद माह में लाखों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा पर निकलते हैं। 2025 में मणिमहेश कैलाश यात्रा 26 अगस्त से शुरु होगी।