Mesh Rashi: मेष राशि की असली पहचान, क्या कहते हैं ग्रह, नक्षत्र और भाग्य ?

punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Mesh Rashi: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द C, L, A से शुरू होता है तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस राशि का स्वामी मंगल है और मंगल जो है वह अग्नि तत्व है। यानी कि यह अग्नि तत्व की राशि है। तो निश्चित तौर पर इस राशि के जातक स्वभाव से थोड़ा एग्रेसिव होते हैं और यही गुस्सा इन्हें जीवन में कई बार बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। यह मेल राशि होती है। कुछ मेल है, कुछ फीमेल है। लिहाजा यह एक्टिव बहुत होते हैं और सामने वाले पर डोमिनेट भी करते हैं। आप देखिए मेष राशि के जितने भी जातक हैं वह डोमिनेंस करेंगे। इस राशि का सिंबल भेड़ जैसी आकृति का होता है और भिड़ने के लिए हमेशा तैयार रहता है। इस राशि के जातकों के साथ उलझना कोई समझदारी वाली बात नहीं है। मींस जो भी कोई उलझेगा वो उलझा देंगे। यह घूमने फिरने के खूब शौकीन होते हैं और दोस्तों के साथ घूमने की प्लानिंग करने वालों में यही सबसे आगे होते हैं। जहां एक तरफ इमोशनल लेवल पर इनकी खूब मदद करता है, वहीं करियर के लिहाज से यह थोड़ा सा नुकसानदायक भी होता है क्योंकि यह स्विच बहुत जल्दी कर जाते हैं। यह जल्दी मूव हो जाते हैं, मूव ऑन कर जाते हैं।इसलिए यह इनको थोड़ा सा सूट करता है इनका मूवेबल होना क्योंकि यह मूवेबल है। मेष राशि सात्विक राशि है, लिहाजा यह दिल के साफ होते हैं और दूसरे के अधिकार पर डाका डालने के बजाय अपनी मेहनत पर ज्यादा विश्वास करते हैं। इस राशि की दिशा वो ईस्ट होती है यानी कि पूर्व होती है। तो ऐसे जितने भी जातक हैं इनको पूर्व साइड यानी कि ईस्ट साइड का घर जो है या ईस्ट साइड का ट्रेवल जो है वह खूब रास आता है। जितने भी आप मेष राशि के जातक देखेंगे ईस्ट उनको अच्छा लगेगा। यह राशि नाइट के समय एक्टिव होती है। तो इन्हें अक्सर आप नाइट के समय ज्यादा एक्टिव पाएंगे। यानी कि सूर्यास्त के बाद इनका बॉडी और माइंड ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं, तो यह इनकी थोड़ी सी खूबियां होती हैं।

मेष राशि के जातकों का करियर
मेष राशि के जातक या तो केतु के अश्विनी नक्षत्र में पैदा होते हैं या शुक्र के भरणी नक्षत्र में इनकी यह दशा लगभग करियर के शुरू होने के समय समाप्त हो जाती है और कुछ जातकों की तो करियर आते-आते सूर्य की दशा आ जाती है। कुछ जातक सूर्य के नक्षत्र में भी पैदा होते हैं। कृतिका का एक चरण भी आता है इसमें और इनके करियर की शुरुआत लगभग 20 से 25 साल की उम्र में जब होती है तो चंद्रमा और मंगल प्रभावी होते हैं। इस राशि के केतु के अश्विनी नक्षत्र में पैदा होने वाले जातकों के लिए चंद्रमा की दशा आती है, 30 साल के बाद। अब चंद्रमा की दशा 10 साल चलती है और मंगल की दशा चलती है 7 साल। चंद्रमा और मंगल के यही 17 साल इनके करियर को दिशा निर्धारित करते हैं। लिहाजा करियर के दौरान इन दोनों ग्रहों के उपाय इनको जरूर करने चाहिए। इनकी कुंडली में शनि कर्म स्थान और आय स्थान दोनों के स्वामी हो जाते हैं। लिहाजा जातकों को शनि के उपाय भी जरूर विशेष तौर पर करने चाहिए ताकि इनको प्रोफेशनल सक्सेस मिल जाए क्योंकि जितनी में जिंदगी में जितना धन आएगा उतनी ही आपकी प्रतिष्ठा बढ़ती है और तरक्की भी आपको 11वें भाव से मिलती है। 11वां भाव शनि का ही भाव है। काल पुरुष की कुंडली भी एक लग्न की होती है। एक राशि की होती है तो यह शनि की स्थिति तय करती है कि आपको कितनी प्रतिष्ठा मिलेगी, कितना धन मिलेगा। यह आपकी कुंडली में शनि की स्थिति भी तय करती है।

मेष राशि के जातकों का रिलेशनशिप
मेष राशि की उन राशियों के साथ ज्यादा बनती है जिनका स्वामी मंगल है या चंद्रमा है या गुरु है। यानी कि कर्क, वृश्चिक, मेष, सिंह, धनु और मीन राशि के जातकों के साथ इनकी अंडरस्टैंडिंग ज्यादा बेटर होती है। मेष राशि के जातकों के सातवें भाव यानी शादी वाले भाव में तुला राशि आती है। लिहाजा इनका पार्टनर शुक्र से प्रभावित होता है और पार्टनर के पश्चिम दिशा में मिलने के चांस ज़्यादा होते हैं और पार्टनर का पार्टनर के ऊपर शुक्र का प्रभाव होने
के कारण वह थोड़ा सा चूजी भी होता है। मंगल की राशि होने के कारण इन्हें जल्दी शारीरिक समस्या नहीं आती। आ भी जाए तो ठीक हो जाती है जल्दी क्योंकि यह अग्नि तत्व की राशि है तो अग्नि तत्व से संबंधित समस्या हो सकती है। यानी कि बुखार का आना बार-बार या फिर डाइजेशन सिस्टम का डिस्टर्ब हो जाना यह इसका शिकार थोड़े से जल्दी हो जाते हैं। इससे बचने के लिए इन्हें सूर्य नमस्कार की एक्सरसाइज करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ भास्कराय नमः का जप करें।  ड्राइविंग करते समय थोड़ी सी सावधानी इनके लिए बहुत जरूरी है।

मेष राशि के जातक करें ये उपाय
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु बनते हैं भाग्य स्थान के स्वामी और सूर्य आ जाते हैं पंचम के स्वामी हो जाते हैं। अपने राशि स्वामी मंगल के स्टोन के अलावा जो मुंगा होता है उसके अलावा रूप भी धारण किया जा सकता है और गुरु का पुखराज भी धारण कर सकते हैं। लेकिन कोई भी स्टोन धारण करने से पहले यह जरूर निश्चित सुनिश्चित करें कि वह ग्रह आपके छठे, आठवें या 12ेंव भाव में न हो। यदि केंद्र त्रिकोण या 11वें भाव में है तो आप उसका स्टोन धारण कर सकते हैं। यदि यह 6, 8, 12 में है तो आपको स्टोन धारण नहीं करना चाहिए। यदि स्टोन धारण नहीं कर सकते तो गुरु के अच्छे प्रभाव के लिए फल का पेड़ लगाना  अच्छा है।  किसी स्टूडेंट को पढ़ाई के लिए मदद कर दीजिए। स्टेशनरी के रूप में कर दीजिए। इससे आपका भाग्य निश्चित तौर पर आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। मेष राशि का स्वामी मंगल है। उसकी रेमेडी के तौर पर आप मंगलवार के दिन मूंग की दाल का दान करें। लाल कपड़े का दान किया जा सकता है और यदि आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष  धारण करना चाहिए। यह उनके लिए अच्छा है।

नरेश कुमार
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Content Editor

Prachi Sharma

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