Mangal Vakri: 80 दिनों के लिए मंगल की उल्टी चाल, इन राशियों के लिए भारी
punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2024 - 11:27 AM (IST)
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Mangal Vakri: आज बात करेंगे मंगल की। मंगल पराक्रम के कारक हैं। 7 दिसंबर को मंगल वक्री हो जाएंगे। 6 दिसंबर मध्यरात्रि का समय है जब वक्री होंगे 4 फरवरी 24 फरवरी तक मंगल वक्री अवस्था में रहेंगे। यह 80 दिन का समय है। मंगल कर्क राशि में है कर्क राशि में मंगल नीच के हो जाते हैं। इस समय शनि के साथ षडाष्टक योग में है क्योंकि शनि का गोचर राशि में हो रहा है। बुध 15 दिसंबर को मार्गी हो जाएंगे। इस गोचर की वजह से कुछ राशियां ऐसी हैं, जिन्हें फायदा मिलेगा और कुछ ऐसी हैं जिन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। मंगल का गोचर हो रहा है कर्क राशि में। वृषभ राशि के जातकों के लिए ये गोचर तीसरे भाव में हो रहा है। भले ही मंगल नीच के हो रहे हैं लेकिन मंगल आपके लिए अच्छा फल करेंगे। शनि के साथ षडाष्टक योग में है लेकिन मंगल आपके लिए अच्छा फल करेंगे। जब ग्रह वक्री होता है तो उसका चेष्टा बल बढ़ जाता है। चेष्टा बल बढ़ने के कारण वह अपने अच्छे या बुरे दोनों तरह के प्रणाम करने की ताकत उसमें ज्यादा आ जाती है। ये उन लोगों के लिए थोड़ा सा ज्यादा खराब हो सकता है जिनके लिए महादशा चल रही है। जितने भी 30 से 40 साल के लोग हैं लगभग 35 से 40 साल के लोग हैं मेष राशि के सिंह राशि के और धनु राशि के उनके ऊपर इस समय मंगल चल रहा है। यदि इन राशियों के जातकों का मंगल 12वें भाव में आठवें भाव में पड़ा है। लग्न कुंडली में तो इनको थोड़ा सा सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि यहां पर मंगल ज्यादा बुरे परिणाम कर सकते हैं।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि तीसरे भाव में है। तीसरे भाव का मंगल का गोचर शुभ होता है। मंगल दो भावों के अच्छे प्रणाम करेंगे। यहां पर एक तो तीसरे भाव के ही अच्छे परिणाम करेंगे। यहां पर पराक्रम का भाव है, आप कॉन्फिडेंट ज्यादा फील करेंगे। कोई आपको फिजिकल प्रॉब्लम हो वहां से रिकवरी होती हुई आपको नजर आएगी। मंगल की एक राशि आपके सप्तम भाव में आ जाती है। मंगल मारक हो जाते हैं क्योंकि ये शुक्र की राशि है लेकिन इसके बावजूद चूंकि शुभ भाव में है, शुभ गोचर में है। निश्चित तौर पर आपके लिए उसके अच्छे परिणाम आएंगे। सप्तम से संबंधित फल अच्छे हो सकते हैं, कोई पार्टनर मिल सकता है। इस अवधि के दौरान जो बिजनेस पार्टनर हो यदि ऑलरेडी पार्टनर है तो हो सकता है कि वहां पर आपको उसके साथ आपका तालमेल थोड़ा सा बेटर हो जाए। 12वें भाव के अच्छे फल मिल जाएंगे। मंगल आपके लिए 12वें भाव के भी स्वामी हैं। विदेश यात्रा 12वें भाव से देखी जाती है। विदेश से संबंधित जितना भी फायदा होता है वह 12 में भाव से देखा जाता है।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए गोचर हो रहा है 11वें भाव में। 11वां वृद्धि का भाव होता है, यहां से हम प्रमोशन देखते हैं। यह लाभ का भाव है यहां से आय आती है। कन्या राशि के जो जातक उनके लिए मंगल अष्टमेश भी हो जाते हैं क्योंकि मंगल की मूल त्रिकोण राशि अष्टम भाव में आ जाती है। तीसरे भाव के भी स्वामी हो जाते हैं, यह बुध की राशि है। इसके लिए मंगल अपनी दिशाओ में अच्छा फल नहीं करते लेकिन चूंकि शुभ गोचर में है। आप कॉन्फिडेंट ज्यादा फील करेंगे क्योंकि मंगल अपनी राशि का फल तो करेंगे ही करेंगे। जिनका काम रिसर्च से जुड़ा हुआ है उनको इसका फायदा हो सकता है क्योंकि अष्टम से सारी रिसर्च आती है खास तौर पर मेडिकल रिसर्च क्योंकि मंगल उसी चीज के भी कारक है। मेडिकल रिसर्च से जुड़े हुए लोगों के लिए अच्छा है। मेडिकल का काम जो कर रहे हैं उनके लिए अच्छा है। थोड़ा सा ड्राइविंग जरूर सावधानी से करनी चाहिए लेकिन कॉन्फिडेंस आपका बढ़ता हुआ नजर आएगा। आय बढ़ती हुई नजर आएगी, प्रमोशन आपकी हो सकती है। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है।
कुंभ राशि: कुंभ राशि से मंगल का गोचर छठे भाव में हो रहा है। मंगल छठे में बैठा है तो कई माइनों में ये खराब है लेकिन इसके बावजूद चूंकि मंगल अशुभ ग्रह है। मंगल आपके लिए तीसरे भाव के स्वामी बनते हैं। आपका पराक्रम बढ़ता हुआ नजर आएगा। कॉन्फिडेंस में आप खुद को फील करेंगे और मंगल यहां से चौथी दृष्टि के साथ आपके भाग्य स्थान को देखेंगे। भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। आपकी कुंडली में मंगल केंद्र के स्वामी हो जाते हैं जो मंगल की वृश्चिक राशि है वो आपके कर्म स्थान में आती है ,तो कर्म से संबंधित फल आपको अच्छे मिलते हुए नजर आएंगे। मंगल कर्म स्थान से नाइंथ हाउस में गोचर कर रहे हैं। मंगल का गोचर कर्म के लिहाज से, कारोबार के लिहाज से, नौकरी के लिहाज से अच्छा हो जाएगा। यह स्थिति कुंभ राशि के जातकों के लिए रहेगी।
इन राशियों के लिए मंगल रहेंगे अशुभ
सिंह राशि: सिंह राशि के जितने भी जातक हैं जिनकी उम्र इस समय 35 से 40 साल के बीच है व मंगल की दशा में आए हैं। मंगल की उनके ऊपर महादशा चल रही है और राशि स्वामी गोचर में आकर 12वें भाव में चला गया। 12वें भाव में जाना अच्छा नहीं होता। आपकी कुंडली में यदि 12वें भाव में है, अष्टम में है तो वो खराब फल कर सकता है। गाड़ी निश्चित तौर पर सावधानी के साथ चलाए। मंगल अशुभ गोचर में है। भाई के साथ आपका तालमेल बिगड़ सकता है। छोटे भाई के कारक है तीसरे भाव को देख रहे हैं। यहां पर भी आपको खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए, गाड़ी जरूर सावधानी के साथ चलाएं। मंगल दुर्घटना के भी कारक होते हैं।
धनु राशि: धनु राशि के भी जितने भी जातक हैं 35 से 40 साल के वो भी इस समय मंगल की दशा से गुजर रहे हैं। धनु राशि के जातकों के लिए मंगल अष्टम में गोचर कर रहे हैं। यदि लगन कुंडली में मंगल आठवें या 12वें में पड़े हैं तो यह आपके लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यदि आप हार्ट के पेशेंट हैं तो दवाई टाइम पर लें। बीपी के मरीज अपना खास ध्यान रखें। धनु राशि के जितने भी जातक जो खासतौर पर जिनका मंगल अष्टम या 12वां 12वें भाव में पड़ा है।
मंगल को सही करने के लिए करें ये उपाय
ॐ अंग अंगारकाय नमः का जाप करें।
मंगलवार के दिन मसूर की दाल दान करें।
लाल फूलों का डोनेशन करें।
नरेश कुमार
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