Mahatma Gandhi Story: बापू के सिद्धांतों से सीखें किस तरह करें प्रकृति का सम्मान

punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 11:07 AM (IST)

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Mahatma Gandhi Story: उन दिनों महात्मा गांधी पद यात्रा पर थे। वह अपने सामान में एक पत्थर रखा करते थे। नहाते समय बापू उसी से शरीर रगड़ा करते थे। एक दिन मनु बहन उनका वह पत्थर पिछले पड़ाव पर ही भूल गईं। जब बापू को इसका पता चला तो उन्होंने पिछले पड़ाव जाकर वह पत्थर लाने को मनु से कहा।

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सुनकर मनु बहन ने कहा, “आप भी कैसी बात करते हैं ?”  यहीं आसपास कितने पत्थर पड़े हैं, इन्हीं में से एक उठा लेती हूं। वहां आने-जाने में तो पूरे तीन घंटे लग जाएंगे।”

इस पर बापू ने कहा, “मनु तुम वही पत्थर लेकर आओ। यहां इतने पत्थर पड़े हैं तो क्या हुआ, ये किसी न किसी काम तो आएंगे ही, अभी नहीं तो पांच वर्ष बाद। हमें इस तरह अन्य पत्थर बिगाड़ने का कोई हक नहीं। प्रकृति की हर वस्तु कीमती है। तुम तुरन्त जाओ और उसी पत्थर को ढूंढकर लाओ।”

मनु वह पत्थर लेने चल पड़ी। फिर तीन घंटे बाद लौटी। उसने देखा, “ठंड में ठिठुरते हुए बापू अगले पड़ाव की तैयारियां कर
रहे हैं। 

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उसने जैसे ही बापू को वह पत्थर दिया, बापू ने खुश होते हुए उसे लेकर अपने थैले में रख लिया। फिर मनु बहन से कहने लगे, “वैसे तो  प्रकृति की गोद में असंख्य पत्थर बिखरे पड़े हैं लेकिन हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार ही उनका उपयोग करना चाहिए।”

मनु बहन ने ये बातें अपनी डायरी में नोट कर लीं और अगले पड़ाव के लिए बापू के साथ चलने की तैयारियां करने लगी।

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Content Editor

Prachi Sharma

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