Maha Shivratri 2026 : 2026 में कब पड़ेगी महाशिवरात्रि ? अभी नोट कर लें शुभ तारीख

punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 01:07 PM (IST)

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Maha Shivratri 2026 : हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह शिव भक्तों के लिए साल का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण दिन होता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि का इंतजार करोड़ों श्रद्धालु बेसब्री से करते हैं। साल 2026 में यह महापर्व कब आएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा, आइए विस्तार से जानते हैं।

Maha Shivratri 2026

Maha Shivratri Date महाशिवरात्रि 2026 की सही तारीख 
साल 2026 में महाशिवरात्रि का महापर्व 15 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ और निशिता काल का समय 15 फरवरी की रात को मिल रहा है, इसलिए व्रत और मुख्य पूजा इसी दिन संपन्न की जाएगी।

शुभ मुहूर्त और तिथियां 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की पूजा अर्धरात्रि यानी 'निशिता काल' में करना सबसे फलदायी माना जाता है। 2026 के लिए मुख्य मुहूर्त इस प्रकार हैं:

चतुर्दशी तिथि का आरंभ: 15 फरवरी 2026 को शाम 05:04 बजे से।

चतुर्दशी तिथि का समापन: 16 फरवरी 2026 को शाम 05:34 बजे तक।

निशिता काल पूजा समय: 15 फरवरी की देर रात (यानी 16 फरवरी की शुरुआत) 12:09 AM से 01:01 AM तक।

महाशिवरात्रि व्रत पारण समय: 16 फरवरी 2026 को सुबह 06:59 AM से दोपहर 03:24 PM के बीच।

Maha Shivratri 2026

रात्रि के चार प्रहर की पूजा का समय

महाशिवरात्रि पर रात भर जागकर भगवान शिव की आराधना की जाती है, जिसे चार प्रहर की पूजा कहा जाता है। 2026 में इनका समय निम्न रहेगा:

प्रथम प्रहर पूजा: शाम 06:11 बजे से रात 09:23 बजे तक (15 फरवरी)।

द्वितीय प्रहर पूजा: रात 09:23 बजे से देर रात 12:35 बजे तक (16 फरवरी की शुरुआत)।

तृतीय प्रहर पूजा: देर रात 12:35 बजे से सुबह 03:47 बजे तक (16 फरवरी)।

चतुर्थ प्रहर पूजा: सुबह 03:47 बजे से सुबह 06:59 बजे तक (16 फरवरी)।

महाशिवरात्रि का महत्व 
महाशिवरात्रि का अर्थ है शिव की महान रात। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, इसी रात भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था, जो सृजन और विनाश का प्रतीक है। यह दिन आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि कहा जाता है कि इस रात ब्रह्मांडीय ऊर्जा का स्तर बहुत ऊंचा होता है।

Maha Shivratri 2026

कैसे करें पूजा ? 

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।

मंदिर जाकर या घर पर ही शिवलिंग का जलाभिषेक करें।

दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल के मिश्रण से अभिषेक करना अत्यंत शुभ होता है।

शिवजी को बेलपत्र, धतूरा, भांग, अक्षत और सफेद फूल अर्पित करें। ध्यान रहे कि बेलपत्र कटा-फटा न हो।

शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

घी का दीपक जलाएं और शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें। अंत में आरती कर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें।


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Content Editor

Prachi Sharma

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