Magh Mela 2026 : संगम की रेती पर रोजगार का संगम, 15 हजार परिवारों की बदली तकदीर

punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 09:12 AM (IST)

Magh Mela 2026 : प्रयागराज का माघ मेला 2026 जो जनवरी से शुरू हो रहा है इस बार सिर्फ धार्मिक कल्पवासियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों और छोटे उद्यमियों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। प्रशासन के आंकड़ों और ज़मीनी हकीकत के अनुसार, मेला क्षेत्र के आसपास के लगभग 27 गांवों के हजारों लोग इस आयोजन से अपनी आजीविका चला रहे हैं।

किन क्षेत्रों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रोजगार?

पारंपरिक चूल्हे और ईंधन
मेले में हीटर और छोटे गैस सिलेंडर के उपयोग पर प्रतिबंध और धार्मिक परंपराओं के कारण मिट्टी के चूल्हों की भारी मांग है। मलावा खुर्द जैसे गांवों की महिलाएं हजारों की संख्या में मिट्टी के चूल्हे तैयार कर रही हैं। अकेले एक समूह को ही 7,000 से ज्यादा चूल्हों के ऑर्डर मिले हैं।

पशुपालन और उपले 
संगम किनारे बसे गांवों में पशुपालन से जुड़े परिवारों के लिए उपलों का एक बड़ा बाजार विकसित हो गया है। साधु-संतों के शिविरों और कल्पवासियों के भोजन के लिए इनकी जबरदस्त मांग है।

नाविकों की नई उम्मीद
संगम की लहरों पर श्रद्धालुओं को सैर कराने वाले नाविकों  में भी भारी उत्साह है। पिछले महाकुंभ की सफलता के बाद, इस बार भी नाविकों ने रिकॉर्ड कमाई की उम्मीद में नई नावें तैयार की हैं।

टेंट सिटी और लॉजिस्टिक्स
मेले में बसने वाले 6,000 से ज्यादा संस्थागत शिविरों और लगभग 4 लाख कल्पवासियों के लिए टेंट, सफाई, बिजली और पानी की व्यवस्था में हजारों युवाओं को रोजगार मिला है।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
यह मेला खासकर ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है, जो अपने घर के काम के साथ-साथ पारंपरिक कलाओं के माध्यम से आय अर्जित कर रही हैं। 15,000 से अधिक परिवार सीधे तौर पर मेले की आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हैं, जो संगम की रेती पर अस्थायी मंडियां और दुकानें लगाकर अपना व्यापार कर रहे हैं।

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Content Editor

Sarita Thapa

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