Lord mahavir story: भगवान महावीर का ये विचार, लाइफ में हमेशा आएगा काम

punjabkesari.in Monday, Jul 24, 2023 - 08:38 AM (IST)

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Lord mahavir story: एक राजा प्रतिदिन भगवान महावीर के दर्शन करने आता था, लेकिन उसे अपने राजसी धन-वैभव का बहुत अहंकार था। वह जब भी वहां आता तो अपने साथ धन, रत्न-जवाहरात आदि लेकर आता था। राजा के इस वैभव-प्रदर्शन को देखकर भगवान महावीर उससे कहते कि राजन इन्हें गिरा दो। महावीर जी के वचन सुनकर राजा उन रत्नों को वहीं गिरा देता।

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ऐसा कई दिनों तक चलता रहा तो एक दिन राजा को बहुत क्रोध आया कि वह तो प्रेम और श्रद्धा से महावीर जी के लिए रत्न और कीमती वस्तुएं लेकर आता है और महावीर जी उन्हें स्वीकारने की बजाय हर बार गिरा देने की बात कहते हैं। राजा सोचता कि एक न एक दिन महावीर जी उसके दिए उपहारों को जरूर स्वीकार करेंगे।

एक दिन राजा ने अपने मंत्री से इस घटना का जिक्र किया तो मंत्री ने उन्हें महावीर जी को सिर्फ फूल भेंट देने का परामर्श दिया। मंत्री की बात मानकर राजा इस बार भेंट में देने के लिए फूल लेकर गया। लेकिन महावीर जी ने हर बार की तरह राजा से फूल को भी गिरा देने के लिए कहा। यह देखकर राजा निराश होकर लौट आया और सारी बात मंत्री को बताई।

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मंत्री ने कुछ सोचते हुए राजा से कहा कि इस बार आप महावीर जी के पास खाली हाथ जाएं। अगले दिन राजा महावीर जी के पास खाली हाथ गया। राजा ने कहा कि आज तो मैं आपके पास खाली हाथ आया हूं।

आज आप मुझसे क्या गिराने को कहेंगे?

महावीर जी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘राजन अब स्वयं को गिरा दो।’’

यह सुनते ही राजा को ज्ञान हो गया कि महावीर जी उससे उसका अहंकार गिराने की बात कह रहे हैं। राजा ने महावीर स्वामी के सामने क्षमा मांगते हुए अपना अहंकार छोड़ने का प्रण किया।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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