Lakshadweep: खूबसूरत मस्जिदें, प्राचीन भारतीय वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं
punjabkesari.in Saturday, Aug 14, 2021 - 09:12 AM (IST)
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Lakshadweep Tourism 2021: लक्षद्वीप भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन केन्द्रों में से एक है। 36 द्वीपों का यह समूह अपने सुंदर और सूरज से हमेशा चमकने वाले समुद्री तटों और हरे-भरे परिदृश्य के लिए जाना जाता है। मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का अर्थ है - ‘एक सौ हजार द्वीप’। यह द्वीप समूह दक्षिण भारतीय राज्य केरल के समुद्री तट से करीब 200 से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह देश का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश है। इस द्वीप समूह का कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है। यहां आप प्रकृति और उसकी खूबसूरती के शुद्ध रूपों को करीब से अनुभव कर सकते हैं।
समुद्र तट
लक्षद्वीप समुद्री तटों और मूंगों की धरती है। इसके लंबे-लंबे किनारे आपको धूप का लुत्फ उठाने का आमंत्रण देते नजर आते हैं। यहां के करामाती समुद्र तट सुस्ताने और सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को अच्छी दावत देते हैं। जब आपको भीड़ से दूर रहने की इच्छा हो, तब यह जगह आपके लिए सबसे अच्छी है। निष्क्रिय लैगून पर आप पक्षियों को निहारते और हवा की धुन पर थिरकते ताड़ के पेड़ों को देखते हुए समय बिता सकते हैं। पन्ने जैसा हरा पानी आपका स्वागत करता है। इस पानी में तैरने से कोई भी व्यक्ति तरोताजा हो जाता है।
आपको समुद्र तट की ओर आकर्षित करने के लिए एक और बड़ी वजह बन सकती है पानी वाले खेल-कूद। इसके अलावा आप इन द्वीपों पर यहां-वहां बिखरे पड़े आकर्षक मूंगों को देख सकते हैं। ये आकर्षक और खूबसूरत मूंगे इस जगह को विशेष बनाते हैं।
लक्षद्वीप में घूमने लायक जगहें
लक्षद्वीप यह एक ऐसी जगह है जहां भारत से बहुत ज्यादा लोग नहीं जाते। इसका इकलौता कारण यह है कि यह द्वीप भारत के सुदूर दक्षिण-पश्चिम इलाके में स्थित है।
भले ही लक्षद्वीप के द्वीप लोकप्रिय पर्यटन केन्द्र के तौर पर अभी तक न उभर सके हों, यहां पर्यटकों के लिए देखने तथा घूमने-फिरने के लिए काफी कुछ है। जो लोग प्रकृति से प्रेम करते हैं और हर तरीके से उसके करीब जाना चाहते हैं, उनके लिए यह जगह बहुत खास है।
लक्षद्वीप का सबसे बड़ा आकर्षण है- प्राचीन सुंदरता और सुकून की जिंदगी।
शहरी भाग-दौड़ और व्यस्त दिनचर्या के कोलाहल से दूर, आपको यहां केवल समुद्र तटों से टकराती लहरों की आवाज सुनाई देगी। पागलपन वाली भीड़ से बहुत दूर आपको इन द्वीपों पर शांति का अहसास होगा।
इस द्वीप पर आपको स्कूबा डाइविंग, स्नोर्कलिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, विंडसर्फिंग, याट और इसी तरह की कई अन्य रोमांचक गतिविधियां मिल जाएंगी।
कवराती
लक्षद्वीप के द्वीपों में कवराती एक खूबसूरत लैगून है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए यहां कई तरह के जलीय खेलकूद उपलब्ध हैं। इस जगह पर कुछ बहुत ही खूबसूरत मस्जिदें भी हैं जो प्राचीन भारतीय वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं। यहां के जलीय जीवन को प्रदर्शित करने वाला एक मरीन एक्वेरियम भी यहां है।
मिनिकॉय
अर्धचंद्राकार द्वीप इस क्षेत्र के सबसे बड़े लैगूनों में से एक है। इस द्वीप पर महत्वपूर्ण स्मारक के तौर पर 1885 में बना एक लाइट हाउस है। पर्यटकों के रुकने के लिए इस द्वीप पर कई कॉटेज भी बने हैं।
काल्पेनी
इस मनोरम द्वीप पर कोई मनुष्य नहीं रहता लेकिन यह एक बहुत बड़ा छिछला लैगून है। काल्पेनी शहर भारत का पहला शहर है, जहां लड़कियां सबसे पहले स्कूल गई थीं। इस शहर में मोइदीन मस्जिद है, जो यहां के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है।
अगत्ती
यहां आपको सांसें रोक देने वाला दृश्य देखने को मिलता है। प्रवाल भित्तियां और समुद्री हवा में झूमते नारियल के पेड़ बेहतरीन नजारा पेश करते हैं। अगत्ती द्वीप को लक्षद्वीप समूह का द्वार कहा जाता है। इस द्वीप के तट का भारत के सबसे अच्छे समुद्री तटों में शुमार हैं।
कदमात
यह धूप सेंकने और जलीय खेलकूद के लिए आदर्श स्थान है। समुद्री संपत्ति के लिहाज से यह द्वीप बहुत समृद्ध है। कदमात में पर्यटकों के लिए स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग और तैराकी के कई विकल्प उपलब्ध हैं।
बंगारम
अश्रु के आकार के इस निर्जन द्वीप पर शानदार समुद्र तट और सुंदर लैगून है। यह खूबसूरत द्वीप सभी परेशानियों और तनाव कम करने के लिए एक बहुत अच्छा अवसर देता है।
कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग से यहां पहुंचने के लिए इसके अगत्ती टापू में एयरपोर्ट है। केरल के शहर कोच्चि (कोचीन) से नियमित उड़ानें यहां आती-जाती हैं।
कोच्चि में एक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है जो भारत के करीब-करीब सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
अगत्ती और कोच्चि के बीच उड़ान का वक्त केवल एक घंटा और 30 मिनट है। इन द्वीपों पर पहुंचने के लिए पवन हंस हैलिकॉप्टर सर्विस भी उपलब्ध है।
अगत्ती से आप (क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शहर) कवराती और मानसून में बंगारम पहुंचने के लिए हैलिकॉप्टर सेवा ले सकते हैं।
समुद्री मार्ग से
लक्षद्वीप पहुंचने के लिए जहाज से यात्रा करना भी एक अच्छा विकल्प है। कोच्चि (कोचीन) से लक्षद्वीप के लिए कई यात्री जहाज चलते हैं। यह यात्रा 18 से 20 घंटे की है। इन जहाजों पर कई तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, मानसून के दौरान जहाज सेवा बंद रहती है।
परमिट जरूरी : ध्यान रखें कि लक्षद्वीप में प्रवेश सीमित है। लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा इन द्वीपों की यात्रा के लिए परमिट जारी किया जाता है।