Kohinoor Diamond: भारतीय हीरा बना इंगलैंड के शाही राजघराने का ताज, पढ़ें इतिहास

punjabkesari.in Friday, Oct 13, 2023 - 06:37 AM (IST)

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Kohinoor Diamond: कोहिनूर भारतीयों के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है। हर भारतीय इसकी शान से अवगत है। 105.6 कैरट का यह दुनिया का सबसे बड़ा डायमंड है। ब्रिटेन के शाही ताज पर सजने वाला यह हीरा सबसे विवादास्पद रत्न है। बताया जाता है इसका खनन मध्य काल में दक्षिण भारत में हुआ था। इसका लिखित रिकॉर्ड 1628 के बाद से मिलता है, जब इसे मुगल बादशाह शाहजहां के सिंहासन में पिरोया गया था। वर्ष 1739 में ईरान के बादशाह नादिर शाह ने दिल्ली पर चढ़ाई की और मुगलों को हरा दिया। इसके बाद कोहिनूर नादिर शाह के हाथों चला गया। नादिर शाह इसे अफगानिस्तान ले गए। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बेशकीमती पत्थर एक के बाद एक राजघराने से गुजरता रहा और आखिर में साल 1813 में महाराजा रणजीत सिंह के हाथ लगा।

उस समय भारत के बाकी हिस्से पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का राज था। कंपनी को इस हीरे के बारे में पता चला तो उसने इसे पाने की कोशिशें शुरू कर दीं। साल 1849 में पंजाब की गद्दी के दस वर्षीय वारिस से यह हीरा छीन लिया और क्वीन विक्टोरिया को सौंप दिया गया। इस हीरे की इंगलैंड में वर्ष 1851 में भव्य नुमाइश की गई लेकिन उस वक्त कई लोगों को हीरा जंचा नहीं था। कुछ ने तो अफवाह फैला दी कि कोहिनूर भी अभिशप्त है। अब यह हीरा इंगलैंड के शाही राजघराने के पास है लेकिन भारत, पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान तक इसे वापस लेने की मांग करते रहे हैं।

Marie Antoinette's hair ring मैरी अंतोइनेत की ‘बालों वाली अंगूठी’
फ्रांस की रानी मैरी अंतोइनेत की अंगूठी में केवल हीरे ही नहीं, उनके बालों को भी मढ़ा गया था। एक ज्यूल विशेषज्ञ अरबेला हिसकॉक्स कहती हैं, ‘‘मैरी अंतोइनेत ज्वैलरी मालिकों की लिस्ट में काफी ऊंचे पायदान पर हैं। इसका सुबूत 10 नगीनों के सैट में मिलता है। यह किसी वक्त उनके थे। बाद में बर्बन पारमा फैमिली ने इन्हें खरीदा। साल 2018 में सॉदबी की नीलामी में ये कई लाख डॉलर की कीमत पर बेचे गए।’’

उनके ऐतिहासिक संग्रह का बैस्ट सेलिंग पीस एक खूबसूरत सच्चे मोती का पैंडैंट था। इसे पानी के जहाज से बैल्जियम के ब्रसेल्स भेजा गया था। हालांकि, माना जाता है कि सम्राट के मोनोग्राम वाली छोटी-सी गुलाबी अंगूठी वाकई बहुत खास थी। इसमें हीरे लगे हैं और अंदर मैरी अंतोइनेत के बालों की लटें हैं। यह एक अविश्वसनीय चीज है। इस बेहद दुर्लभ आभूषण की क्या कीमत हो सकती है, इसका जवाब विशेषज्ञों के अनुसार है- बहुत ज्यादा। एक नीलामी में इसकी कीमत का अनुमान 8500 से 10 हजार 600 डॉलर के बीच लगाया गया था लेकिन यह इसकी 50 गुना कीमत पर बिका था।

Diamond 'Yellow Diamond' became famous from the film फिल्म से चर्चित हुआ हीरा ‘यैलो डायमंड’
ऑड्री हेपबर्न ने यैलो यानी पीले डायमंड को अपनी फिल्म के जरिए दुनिया भर में मशहूर कर दिया था। 1870 के दशक में इस हीरे को मशहूर स्टोर टिफनी ने खरीदा। यह उस समय बहुत मशहूर हो गया जब इसे 1961 में आई फिल्म ‘ब्रेकफास्ट एट टिफनीज’ के प्रचार से जुड़ी तस्वीरों के लिए अभिनेत्री ऑड्री हेपबर्न ने पहना। यह हीरा दिखने में बेहतरीन और सांस्कृतिक तौर पर बहुमूल्य था। पीले रंग के इसे हीरे के साथ अतीत में कुछ परेशान करने वाली यादें जुड़ी थीं। 128.54 कैरेट के इस हीरे को अब तक केवल चार महिलाओं ने पहना है। ये हैं सोशलाइट मैरी व्हाइटहाऊस, ऑड्री हेपबर्न, लेडी गागा और बियोन्से लेकिन इस लकदक करते हीरे की कहानी भी काफी दर्दनाक है।

इसे साल 1877 में दक्षिण अफ्रीका की किंबरली खदान से निकाला गया था। इस खदान में अश्वेत मजदूरों को बहुत ही दयानीय स्थिति में काम करने को मजबूर किया जाता था। साल 2021 में वॉशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख में लेखिका केरन अतिया ने लिखा है कि ऐसे हीरों को ‘ब्लड डायमंड’ कहा जाना चाहिए।

पर क्यों ? अतिया बताती हैं, ‘‘अफ्रीका के संसाधनों की लूट के दौरान हजारों अफ्रीकी लोगों ने जान गंवाई और कई समुदाय पूरी तरह से तबाह हो गए।’’

Queen Victoria's magnificent 'crown' क्वीन विक्टोरिया का शानदार ‘मुकुट’
लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट संग्रहालय में सबसे चर्चित आभूषण यही है। रानी विक्टोरिया के ताज पर सजे बेशकीमती नीलम और हीरे दमकते हैं। इसे प्रिंस एल्बर्ट ने महारानी के लिए 1840 में डिजाइन किया था। इसी साल इस शाही जोड़े का विवाह हुआ था। इस खूबसूरत ताज को बनाया था जोसफ किचिंग ने। यह ताउम्र महारानी की सबसे कीमती चीज रही।

एक विशेषज्ञ बताते हैं, ‘‘जब वह युवा थीं तो इसे शान से अपने सिर पर सजाती थीं। जब प्रिंस नहीं रहे तब यह ताज उनकी कैप पर सजता था।’’

ब्रितानी राजघराने के लिए नीलम खास तौर पर अहम हैं और क्वीन विक्टोरिया से शुरू हुआ ‘नीलम प्रेम’ प्रिंसेज डायना तक जाता है।

Napoleon's 'Diamond Necklace' नेपोलियन का ‘डायमंड नैकलेस’
ऐतिहासिक नेपोलियन डायमंड नैकलेस सन् 1811 में फ्रांस के बादशाह ने अपनी दूसरी रानी मेरी लुई को उनके दूसरे बेटे नेपोलियन द्वितीय के पैदा होने पर उपहार में दिया था। चांदी और सोने का यह हार इतिएन नितॉ ने डिजाइन किया था। इसमें 234 डायमंड हैं, जिन्हें कई छोटे-छोटे हीरों से सजाया गया है।

हिस्कॉक्स कहते हैं, ‘‘ये सारे हीरे भारत और ब्राजील की खदानों से आए हैं। ऐतिहासिक रूप से इन्हीं इलाकों में बेहतरीन पत्थर मिलते रहे हैं।’’

नेपोलियन की हार के बाद यह बेशकीमती हार उनकी पत्नी के शहर वियना पहुंचाया गया। उनकी पत्नी की मौत के बाद यह हार, नेपोलियन की बहन के पास चला गया। साल 1948 तक यह उन्हीं के पास रहा। उसके बाद इसे फ्रांस के एक रईस ने खरीदा और उनसे अमरीकी बिजनैसवूमेन मार्जरी मेरीवेदर पोस्ट ने खरीद लिया। मेरीवेदर पोस्ट ने इसे स्मिथसोनियन संग्रहालय को दान कर दिया और अब सालों से यह उसकी शोभा बढ़ा रहा है।
 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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