Kalki jayanti: हिंदू पुराणों में की गई हैं कल्कि अवतार के बारे में भविष्यवाणियां !
punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2024 - 08:32 AM (IST)

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Kalki jayanti 2024: कल्कि भगवान हिंदू धर्म में विष्णु के दश अवतारों में अंतिम अवतार के रूप में माने जाते हैं। कल्कि अवतार भविष्य में होगा और इसकी कथा धर्मग्रंथों में वर्णित है। कल्कि अवतार तब होगा जब धर्म की स्थिति अत्यंत खराब हो जाएगी और असत्य, अधर्म और पाप पूरे समाज में फैल जाएंगे। इसे कलयुग के अंत में माना जाता है।
कल्कि भगवान एक युवा योद्धा के रूप में प्रकट होंगे। उनका वर्णन एक तेजस्वी घोड़े पर सवार और एक शक्तिशाली तलवार के साथ किया जाता है। वे धरती पर आकर अधर्म और बुराई को समाप्त करेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे। कल्कि के आगमन के समय समाज में अराजकता, भ्रष्टाचार और नैतिक पतन चरम पर होगा। यह काल कलियुग की सबसे खराब अवस्था को दर्शाता है।
कल्कि भगवान के आगमन के बाद वे असत्य और अधर्म को समाप्त कर देंगे। सत्य, न्याय और धर्म की स्थापना करेंगे। यह भविष्य में समाज की नैतिक और धार्मिक स्थिति को सुधारने का कार्य होगा। कल्कि अवतार के बारे में भविष्यवाणियां पुराणों जैसे विष्णु पुराण और भागवतम् में की गई हैं। ये भविष्यवाणियां बताती हैं कि कल्कि का आगमन सभी बुराइयों का अंत करेगा और एक नए युग की शुरुआत करेगा। कल्कि भगवान का अवतार भविष्य में मानवता के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जो सृष्टि को सुधारने और धर्म की पुनर्स्थापना करने का कार्य करेगा।
Kalki avatar story: कथाओं के अनुसार कलियुग में पाप, अत्याचार की अधिकता होने के कारण दुष्टों के संहार के लिए श्री कल्कि अवतार होगा- जब राजा होने का कोई नियम न रहेगा, राजा अत्यंत निर्दयी और क्रूर होंगे, उस समय भयंकर अकाल पड़ जाएगा, लोग भूख-प्यास तथा नाना प्रकार की चिंताओं से दुखी होंगे, वे पत्तियां खाकर पेट भरेंगे। मनुष्य चोरी, हिंसा आदि अनेक प्रकार के कुकर्मों से आजीविका चलाने लगेंगे।
कल्कि भगवान का वाहन देवदत्त नामक सफेद घोड़ा होगा। हाथ में तलवार लेकर भगवान कल्कि पापियों का संहार करेंगे और साधु-संतों के शुद्ध मन वाले लोगों की रक्षा करेंगे। पुराणों के अनुसार श्री कल्कि का अवतार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल ग्राम में होगा और वह धर्म की स्थापना में सहयोग करेंगे। उनके अवतरित होते ही सतयुग का आरंभ होगा। भगवान श्री कृष्ण के प्रस्थान से कलियुग की शुरुआत हुई, नंद वंश के राज से कलियुग में वृद्धि हुई जबकि श्री भगवान कल्कि के अवतार से कलियुग का अंत होगा।
लगभग 300 वर्षों से श्री कल्कि भगवान की पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है। रामावतार के समान ही कल्कि भगवान के भी तीन और भाई होंगे। उनके नाम सुमन्त, प्राज्ञ व कवि होंगे। इन्हीं भाइयों के साथ मिल कर वह धर्म की स्थापना करेंगे। भगवान कल्कि के याज्ञवल्क्य जी पुरोहित एवं परशुराम उनके गुरु होंगे। उनके चार पुत्र जय, विजय, मेघमाल, बलाहका होंगे। श्री कल्कि अवतार लोगों के लिए आज भी रहस्य है। हर कोई जानना चाहता है कि भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार कब लेंगे। इन सभी सवालों के जवाब श्रीमद भगवद् गीता में मौजूद हैं।