2022 में 18 या 19 अगस्त किस दिन है जन्माष्टमी, Confusion करें दूर
punjabkesari.in Friday, Aug 12, 2022 - 01:33 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग व वर्ष के अनुसार श्रावण मास के बाद भाद्रपद का मास आरंभ होता है, जो पूर्ण रूप से भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री हरि न कृष्ण रूप में जन्म लिया था। जिसके उपलक्ष्य में इस दिन को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में किए वर्णन के अनुसार इनके जन्म के समय अर्धरात्रि थी और चंद्रमा का उदय हो रहा था। वहीं इस साल जन्माष्टमी की तारीख को लेकर कई मत हैं। जिनमें से कुछ विद्वानों का कहना है कि जन्माष्टमी 18 अगस्त, गुरुवार की है, जबकि अन्य विद्वानों का कहना है कि जन्माष्टमी 19 अगस्त को है। ऐसे में 2022 की जन्माष्टमी को लेकर हर कोई दुविधा में पड़ा नजर आ रहा है। अतः आपकी इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए आज हम आपको जन्माष्टमी की सही तिथि व इससे जुड़ी हर जानकारी देने जा रहे हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। पहली 18 अगस्त को होगी जिसे गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग मनाएंगे। वहीं 19 अगस्त की जन्माष्टमी वैष्णव संप्रदाय यानि कि साधु-संत मनाएंगे। इसके अलावा एक और ज़रूरी बात बता दें कि 18 अगस्त, गुरुवार को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का कर्मकाल यानि कि अर्द्धरात्रि व चंद्रोदय काल है। तो ऐसे में 18 अगस्त को ही व्रत, बालरूप पूजा, झुला-झुलाना, चंद्र को अर्घ्य दान व जागरण कीर्तन का विधान होगा। शास्त्रों के अनुसार, व्रत, कीर्तन व उत्सव के लिए 18 अगस्त का दिन ही उत्तम माना गया है।
जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त व पारण समय-
पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि का आरंभ 18 अगस्त को रात 09 बजकर 20 मिनट पर होगा। और इसका समापन 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगा। वहीं निशिता पूजा का शुभ समय 19 अगस्त की रात 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। तो वहीं पारण का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को प्रातः 05 बजकर 51 मिनट के बाद का रहेगा। इसी के साथ एक खुशखबरी की बात बता दें कि इस साल की कृष्ण जन्माष्टमी काफी शुभ रहने वाली है क्योंकि इस बार जन्माष्टमी पर वृद्धि और ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग 18 अगस्त को रात 08 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। और ध्रुव योग 19 अगस्त को रात 9 बजे तक रहेगा।
मान्यता है कि जन्मा ष्टजमी पर वृद्धि योग में पूजा करने से आपके घर की सुख संपत्ति में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मीृ का वास होता हे। बताते चलें कि भगवान कृष्ण को विष्णु जी का 8वां अवतार माना जाता है। मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की मध्यरात्रि में पूजा करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति, संतान पुत्र व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के आगमन के लिए घर और मंदिरों में विशेष सजावट की जाती है। और व्रत रखकर विधि विधान से लड्डू गोपाल का अभिषेक कर पूरी रात मंगल गीत गाए जाते हैं।