सीता नवमी 2021: आज ज़रूर पढ़ें ये कल्याणकारी स्तोत्र, धन-ऐश्वर्य की होगी प्राप्ति
punjabkesari.in Friday, May 21, 2021 - 01:40 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है सनातन धर्म से संबंध रखने वाले हर व्यक्ति को नियमित रूप से रोज़ाना श्री राम एंव माता सीता का विधि-विधान से पूजन करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को 16 महा दानों के समान सा फल प्राप्त होता है। साथ ही साथ पृथ्वी का तथा समस्ता तीर्थों के दर्शन के समान फल प्राप्त होता है। परंतु कुछ लोग इनका रोज़ाना इनकी पूजा रोज़ नहीं कर पाते। ऐसे में कहा जाता है कि राम नवमी के अलावा जातक सीता नवमी पर इनकी पूजा व इनके कुछ खास स्तोत्रों आदि का पाठ करता है तो लाभ ही लाभ प्राप्त होता है।
तो आइए आज जानकी नवमी के इस खास व शुभ अवसर पर हम आपको देवी सीता के एक ऐसे ही स्तोत्र के बारे में बताते हैं, जिसके जाप से माता-सीता प्रसन्न होकर धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
जानकी स्तोत्र
नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम्।
शुद्धिमिद्धदहने प्रदित्सतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
रामपाद-विनिवेशितेक्षणामङ्ग-कान्तिपरिभूत-हाटकाम्।
ताटकारि-परुषोक्ति-विक्लवां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
कुन्तलाकुल-कपोलमाननं, राहुवक्त्रग-सुधाकरद्युतिम्।
वाससा पिदधतीं हियाकुलां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
कायवाङ्मनसगं यदि व्यधां स्वप्नजागृतिषु राघवेतरम्।
तद्दहाङ्गमिति पावकं यतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
इन्द्ररुद्र-धनदाम्बुपालकै: सद्विमान-गणमास्थितैर्दिवि।
पुष्पवर्ष-मनुसंस्तुताङ्घ्रिकां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
संचयैर्दिविषदां विमानगैर्विस्मयाकुल-मनोऽभिवीक्षिताम्।
तेजसा पिदधतीं सदा दिशो भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
।।इति जानकीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।