आज है विश्व शांति दिवस: कबूतर हैं शांति का प्रतीक, पढ़ें कथा

punjabkesari.in Saturday, Sep 21, 2019 - 09:39 AM (IST)

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शांति के प्रतीक कबूतर को अक्सर चोंच में हरी पत्तियों के साथ दिखाया जाता है। सफेद कबूतर को अंग्रेजी में ‘पिजन’ तथा ‘डव’ कहा जाता है। कबूतरों की सैंकड़ों प्रजातियां हैं जिनके अलग-अलग रंग और आकार हैं। सफेद रंग के कबूतरों को ‘डव’ कहते हैं। दरअसल, सफेद कबूतर को शांति के प्रतीक के रूप में विश्व की कई संस्कृतियों तथा सभ्यताओं में दिखाया गया है और इसके पीछे कई प्रकार की कहानियां भी प्रचलित हैं। 

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एक कहानी
इनमें से मध्य एशिया में प्रचलित एक कहानी के अनुसार एक बार दो राज्यों में युद्ध होने वाला था। इनमें से एक राजा अपने आप को कवच से सुसज्जित करके लड़ाई पर जाने लगा परन्तु जब उसने अपनी मां से सर पर पहनने के लिए लोहे का टोप मांगा तो मां ने कहा कि उसमें एक कबूतर ने अपना घोंसला बना लिया है इसलिए तुम बिना टोप के युद्ध में चले जाओ, बेचारे पक्षी को परेशान मत करो और उसके घोंसले और बच्चों को नष्ट मत करो। यह सुनकर वह दयालु राजा बिना टोप पहने युद्ध में चला गया। दूसरे राजा ने देखा कि विरोधी राजा बिना सुरक्षा टोप के लडऩे आया है तो उसे हैरानी हुई। जब उसे इसका कारण पता चला तो उसका हृदय पिघल गया। उसने सोचा कि इतने दयालु राजा और उसके लोगों को मैं मारने के लिए आया था, यह बहुत ही गलत युद्ध होने जा रहा था।
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उसे अफसोस हुआ और उसने राजा की दयालुता से प्रभावित होकर उससे मित्रता कर ली। इस प्रकार एक भयानक युद्ध टल गया तभी से सफेद कबूतर को शांति और प्रेम का प्रतीक माना जाने लगा। 


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Niyati Bhandari

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