क्या आप जानते हैं, शनि देव के प्राकट्य से जुड़ा ये रहस्य

punjabkesari.in Saturday, Mar 21, 2020 - 03:25 PM (IST)

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हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का पूजन आदि कितना महत्वपूर्ण है। कहते हैं इन पेड़-पौधों से हिंदू धर्म के विभिन्न देवी-देवताओं का कोई न कोई संबंध होता है। तो इन सबका पूजनीय होना ज़ाहिर है। आज हम आपको बताने वाले हैं पीपल के बारे में। एक मिनट जल्दबाज़ी न कीजि क्योंकि हम जानते हैं पीपल से जुड़ी ऐसे बहुत से तथ्य है जिनके बारे में आप में लगभग लोग जानते हैं। मगर क्या आप जानते इसका एक तथ्य ऐसा है जो किसी और से नहीं बल्कि शनि देन से जुड़ा हुआ है। जी हां, किसी को नहीं पता होगा कि पीपल के पेड़ से जुड़ी एक कथा ऐसी है जो शनि देव से संबंधित है। हम जानते हैं कि आपको ये जानकर हैरानी हो रही होगी, मगर आपको बता दें हो सकता है अभी आपको थोड़ी हैरानी और हो जी हां क्योंकि इससे जुड़ा प्रसंग है ही ऐसा। चलिए आपके इंतज़ार को खत्म करते हैं और विस्तारपूर्वक जानते हैं इसके बारे में-
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पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में पीपल के पेड ने शनि देव को निगल लिया था। परंतु फिर भी शनि देव उस पर मेहरबान हुए थे। मगर क्यों? क्योंकि कहा तो ये जाता है कि शनि देव से पंगा लेने वाले व्यक्ति पर शनि के क्रूर दशा पड़ती है। चलिए जानते हैं ऐसे कैसे संभव हुआ। कैसे इसके बावजूद पीपल को शनि देव से वरदान प्राप्त हुआ था।

कथाओं के मुताबिक एक बार अगस्त्य ऋषि दक्षिण दिशा में अपने शिष्यों के साथ गोमती नदी के तट पर गए और सत्रयाग की दीक्षा लेकर एक वर्ष तक यज्ञ करते रहे। कहा जाता है कि उस समय स्वर्ग पर राक्षसों का राज हुआ करता था।

इस दौरान कैटभ नामक एक राक्षस ने पीपल के पेड़ का रूप लेकर यज्ञ में ब्राह्मणों को परेशान करना शुरू कर दिया। वो समस्त ब्राह्मणों को मारकर खाने लगा। जब भी कोई ब्राह्मण पीपल के पेड़ की टहनियां या पत्तों के करीब जाता तो कैटभ उसे खा जाता है।  
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इसी के चलते दिन भर दिन ऋषि मुनियों की संख्या कम होने लगी। ये सब देखते हुए अन्य ऋषि शनि देव के पास मदद के लिए पहुंचे। जिसके बाद इसके बाद शनि देव ब्राह्मण का रूप लेकर पीपल के पेड़ के पास गए। वहीं पेड़ बना राक्षस शनि देव को साधारण ब्राह्मण सझकर खा गया। जिसके बाद शनि देव उसके पेट फाड़कर बाहर निकले और उसका अंत कर दिया।

जिसके अंत से सभी देवता ऋषि-मुनि प्रसन्न हो गए और उन्होंने शनि देव का धन्यवाद किया। शनि देव ने भी प्रसन्न होकर कहा जो भी पीपल के पेड़ को स्पर्श करेगा, उसके सभी कार्य पूरे होंगे। वहीं जो भी व्यक्ति इस पेड़ के पास स्नान, ध्यान, हवन और पूजा करेगा, उसे मेरी पीड़ा कभी भी झेलनी नहीं पड़ेगी। ऐसी मान्यता है इसके बाद से ही पीपल के पेड़ की पूजा शुरू हुई।
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Jyoti

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