Shani Rashifal 2026: नए साल में किन राशियों पर रहेगी शनि साढ़ेसाती और ढैय्या?
punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 09:38 AM (IST)
Shani Rashifal 2026: नया साल 2026 शुरू होने वाला है और ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि शनि देव का प्रभाव किन राशियों पर पड़ेगा। हिंदू पंचांग और शास्त्रों के अनुसार, वर्ष 2026 में शनि देव मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि का यह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ तो कुछ के लिए सतर्कता का संकेत लेकर आएगा। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि 2026 में किन राशियों पर शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या का प्रभाव रहेगा।

शनि साढ़ेसाती 2026: किन राशियों पर रहेगा प्रभाव?
साढ़ेसाती कुल साढ़े सात वर्षों तक चलने वाली शनि की विशेष दशा होती है, जो चंद्र राशि के आधार पर मानी जाती है। वर्ष 2026 में तीन राशियां शनि साढ़ेसाती से प्रभावित रहेंगी—
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों पर शनि साढ़ेसाती का अंतिम चरण रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, कुंभ राशि शनि की स्वयं की राशि है और इस समय शनि चांदी के पाये से चल रहे हैं। इसलिए 2026 में कुंभ राशि वालों को करियर, धन और सामाजिक प्रतिष्ठा में लाभ मिल सकता है। मेहनत का पूरा फल मिलेगा।
मीन राशि
मीन राशि पर शनि साढ़ेसाती का दूसरा और सबसे कठिन चरण रहेगा। इस दौरान मानसिक तनाव, निर्णयों में भ्रम और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। शास्त्र कहते हैं कि धैर्य, सेवा और सत्कर्म से इस समय को अनुकूल बनाया जा सकता है।
मेष राशि
मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। यह समय जीवन में बदलाव और नई जिम्मेदारियों का संकेत देता है। आर्थिक मामलों और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

शनि ढैय्या 2026: इन राशियों को रहना होगा सतर्क
ढैय्या ढाई वर्ष की अवधि होती है और यह भी चंद्र राशि पर आधारित होती है। 2026 में दो राशियों पर शनि ढैय्या रहेगी—
सिंह राशि
सिंह राशि वालों को कार्यक्षेत्र में बाधाओं और पारिवारिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। अहंकार से बचें और धैर्य रखें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए यह समय स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन के लिहाज से संवेदनशील हो सकता है। योजनाओं में देरी संभव है, लेकिन संयम से स्थिति संभल सकती है।
शनि का प्रभाव: डरें नहीं, समझें
शास्त्रों में शनि को कर्मफल दाता कहा गया है। यदि कुंडली में शनि मजबूत हों और व्यक्ति के कर्म अच्छे हों, तो साढ़ेसाती और ढैय्या भी उन्नति का मार्ग खोल सकती है। नियमित पूजा, दान और अनुशासन से शनि के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

