ज्योतिष व हस्तरेखा की विशेषज्ञ थी राधा रानी की सखी इंदुलेखा

punjabkesari.in Friday, Mar 19, 2021 - 05:06 PM (IST)

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होली का पर्व आने वाला है, रंगों का यह त्यौहार हर किसी को बहुत प्यारा। खासतौर पर अगर बात की जाए राधा-कृष्ण के भक्तों की होली का त्यौहार इनका सबसे मनपसंदीदा त्यौहार है। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं हैं कि होली का त्यौहार राधा-कृष्ण समर्पित है। इसलिए आज हम होली के अवसर को ध्यान में रखते हुए आपको राधा रानी से जुड़ी जानकारी बताने वाले हैं। पौराणकि ग्रंथों के अनुसार बरसाने की श्री राधा रानी की यूं तो कई सखियां थीं, पर मुख्य रूप से उनकी 8 सखियां थी, जिन्हें वे अधिक स्नेह करती थी। श्री राधा रानी की इन अष्टसखियों के नाम हैं-  1. ललिता, 2. विशाखा, 3. चित्रा, 4. इंदुलेखा, 5. चंपकलता, 6. रंगदेवी, 7. तुंगविद्या और 8. सुदेवी। बता दें राधा रानी की 8 सखियों को ही अष्टसखी के नाम से जाना जाता है। श्री धाम वृंदावन में इन अष्टसखियों के नाम पर एक मंदिर भी है। ​इन्हीं 8 सखियों में से कुछ के बारे में हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से बता चुके हैं। जिसके बाद आज हम आपको बताने जा रहा है राधा रानी की सखी इंदुलेखा के बारे में।

धार्मिक ग्रंथों के अनुासर इंदुलेखा राधा रानी की अष्टसखियों में से एक थी, जो सभी अष्टसखियों की तरह श्री कृष्ण और  राधा रानी के प्रेम की साक्षी थी। इनसे जुड़ी किंवदंतियों के मुताबिक इंदुलेखा सुनहरा नामक गांव की रहने वाली थी, जो अत्यंत सूझबूझ वाली थी। ये हस्तरेख की भी विशेषज्ञ थी, जो लोगों का हाथ देखकर उनको उनका भविष्य बताने मेंं सक्षम थीं। इतना ही इन्हीं हस्तरेखा के अलावा संपूर्ण सामुद्रिक शास्त्र, रत्न विज्ञान तथा देहलक्षण शास्त्र की भी ज्ञाता थी। इन्हेें ज्योतिष शास्त्र के अलावा नाग वशीकरण विद्या में भी पांरगत प्राप्त थी। श्री ध्रुवदास जी के अनुसार इंदुलेखा राधा रानी और श्री कृष्ण को कंड आभूषण देती थी तथा पूरी भक्ति भाव से दोनों की सेवा करती थी। जैसे दोनों के बीच कोक विद्या के माध्यम से प्रेम संबंधों का आदान-प्रदान करना और चंवर डुलाना आदि। 


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Content Writer

Jyoti

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