Inspirational Story: अगर दोस्तों को गाली देना मज़ाक लगता है, तो ये कहानी ज़रूर पढ़ें– आंखें खुल जाएंगी
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 07:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: काशी में सालों साथ रहकर दो युवकों ने धर्म और शास्त्रों का अध्ययन किया। शिक्षा पूरी होने के बाद दोनों विद्वान अपने-अपने गांव की ओर पैदल चल पड़े। एक बार दोनों ने एक नगर में रात्रि विश्राम किया। दोनों नगर के सबसे धनी सेठ के यहां ठहरे। सेठ ने उनके रहने की व्यवस्था की और फिर अपने लोगों से कहा कि दोनों विद्वानों के भोजन का भी बंदोबस्त किया जाए।
इस बीच, समय पाकर सेठ दोनों के पास पहुंचा और उनसे चर्चा करने लगा। सेठ अनुभवी था। वह जान गया कि दोनों विद्वानों में बहुत ज्यादा घमंड है। साथ ही दोनों एक-दूसरे को मूर्ख भी समझते हैं।
सेठ ने दोनों से अलग-अलग बात कर एक-दूसरे के बारे में भी पूछा। जो जवाब मिले, वह सेठ को दुखी कर गए। बहरहाल, भोजन का समय हो गया था। सेठ ने दोनों को सम्मान के साथ भोजन कक्ष में बुलाया। एक की थाली में चारा और दूसरे की थाली में भूसा परोसा गया। यह देखकर दोनों विद्वान क्रोधित हो गए। गुस्से में आकर कहने लगे कि क्या हम जानवर हैं जो यह चारा और भूसा खाएंगे। सेठ होकर तुम हमारा अपमान कर रहे हो।
इस पर सेठ ने जवाब दिया- एक को थाली में चारा और दूसरे को भूसा परोसा गया है, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है। जब मैंने आप दोनों से अलग-अलग एक-दूसरे के बारे में पूछा था, तो एक ने कहा था कि दूसरा तो बैल है। वहीं दूसरे ने पहले के बारे में कहा था कि वह गधा है।
आप दोनों ने ही एक-दूसरे को बैल और गधा बताया, तो मैंने उसी हिसाब से चारा और भूसा थाली में परोस दिया। इतना सुनते ही दोनों ज्ञानियों की आंखें खुल चुकी थीं। उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था।