Inspirational Context: ये है जीवन की प्रसन्नता का राज, जिससे कभी नहीं दुखी होता इंसान

punjabkesari.in Saturday, May 20, 2023 - 08:07 AM (IST)

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Inspirational Context: एक संत अपने आश्रम के नजदीक एक बगीचे में पहुंचे तो देखा कि सारे पेड़-पौधे मुरझाए हुए हैं। यह देखकर संत चिंतित हो गए और एक-एक कर उन सबसे उनकी हालत की वजह जाननी चाही। ऑक के वृक्ष ने कहा कि मैं मर रहा हूं क्योंकि मुझे ईश्वर ने देवदार जितना लंबा नहीं बनाया।

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संत ने देवदार की ओर देखा तो उसके भी कंधे झुके हुए थे, वह इसलिए मुरझा गया था क्योंकि वह अंगूर के पेड़ की तरह फल नहीं पैदा कर सकता था। वहीं अंगूर की बेल इसलिए मरी जा रही थी क्योंकि वह गुलाब की तरह सुगंधित फूल नहीं दे रही थी।

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संत थोड़ा आगे बढ़े तो उन्हें एक ऐसा पेड़ नजर आया जो भरपूर खिला और ताजगी से भरा हुआ था। संत ने उससे पूछा, ‘‘बड़े कमाल की बात है, मैं पूरे बगीचे में घूमा हूं तुम अकेले हो जोकि संतुष्ट और शांत हो, इसकी क्या वजह है?’’

इस पर उस पौधे ने कहा, ‘‘दरअसल वे वृक्ष अपनी खूबियां नहीं पहचानते और दूसरों की विशेषताओं पर अधिक ध्यान देते हैं इसलिए वे दुखी हैं, जबकि मैं जानता हूं कि जिसने मुझे यहां रोपित किया है उसका कुछ न कुछ उद्देश्य जरूर होगा।

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 शायद वह चाहता है कि मैं इस बगीचे की समृद्धि का हिस्सा बनूं इसलिए मैं हमेशा खुश रहता हूं। इसके अलावा मैं किसी और जैसा बनने की अपेक्षा खुद की क्षमताओं पर अधिक भरोसा करता हूं यही मेरी प्रसन्नता का राज है।’’

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Content Writer

Niyati Bhandari

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