इतिहास के पन्नों से जानें दिलचस्प दास्तान

punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 03:48 PM (IST)

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यह उस समय की बात है, जब नेपोलियन 12 वर्ष का बालक था। एक दिन वह अपनी बहन के साथ बगीचे में खेल रहा था। उस समय एक गरीब लड़की फलों की भरी टोकरी सिर पर रखे उधर से गुजरी। खेल में दौड़ते समय उसकी बहन उस लड़की से टकरा गई। इससे लड़की की फलों की टोकरी जमीन पर गिर पड़ी। सब फल बिखर गए। कुछ फूट गए, कुछ धूल में सन गए। ऐसा होने पर वह लड़की बहुत दुखी हुई और वहीं बैठकर रोने लगी। 

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नेपोलियन की बहन बोली, ‘‘घर भाग चलो, नहीं तो मां पीटेगी।’’


नेपोलियन को बहुत बुरा लगा। वह बोला, ‘‘एक तो तुमने उस लड़की का इतना नुक्सान करवा दिया और अब उसकी सहायता करने की बजाय भाग जाना चाहती हो, ऐसा करना ठीक नहीं है।’’


नेपोलियन अपनी बहन और उस लड़की को साथ लेकर अपनी मां के पास पहुंचा। उसने मां से कहा, ‘‘मां, मुझसे इस लड़की के फल गिर गए हैं। आप इसके पैसे दे दें।’’ 


मां बोली, ‘‘ठीक है, मैं इसे पैसे दे देती हूं परंतु तुम्हारी गलती से इसका यह नुक्सान हुआ है इसलिए मैं तुम्हें तीन महीने तक कोई जेब खर्च नहीं दूंगी।’’ 

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नेपोलियन ने उत्तर दिया, ‘‘हां, मां मुझे यह बात स्वीकार है।’’ 


इस बीच बहन बोल उठी, ‘‘मां, भैया झूठ बोल रहा है, गलती तो मुझसे हुई है, मेरा जेब खर्च बंद करना, भैया का नहीं।’’ 

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मां मुस्कुराई। उनकी मां ने फलों का मूल्य चुका दिया। उस लड़की से पूछने पर पता चला कि उसका पिता बीमार है। उसके इलाज के लिए पैसे की आवश्यकता है, फल बेचकर वह जो धन कमाएगी, उससे अपने पिता के लिए दवाई लाएगी। उस लड़की का अपने पिता के लिए इतना प्रेम देखकर सब भाव-विभोर हो गए। मां ने यह बात जानकर डाक्टर को बुलाया और उसे साथ लेकर लड़की के घर गई। डाक्टर ने लड़की के बीमार पिता को देखा और दवा लिख दी। नेपोलियन की मां ने डाक्टर की फीस और दवा का मूल्य अपनी जेब से चुका दिया। 

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घर लौटने पर मां ने नेपोलियन को आशीर्वाद दिया और कहा, ‘‘बेटा, गरीबों के साथ ऐसा ही न्याय करना।’’ 


आगे चलकर यही नेपोलियन एक महान सम्राट बना। उसे अपने गुणों के लिए सदा याद किया जाता है।
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Niyati Bhandari

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