एक ऐसी सीढ़ी जिस पर चढ़कर मानव स्वर्ग तक पहुंच सकता है

punjabkesari.in Friday, Jan 13, 2023 - 10:01 AM (IST)

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Importance of Prayer to God : हमारे देश के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक ऋग्वेद अनेक देवी-देवताओं की प्रार्थनाओं से भरा है। अगर व्यक्ति प्रार्थना नहीं करेगा तो हृदय नीरस ही बना रहेगा। प्रार्थना में ईश्वर के साथ संबंध जुड़ता है और फिर परमात्मा का रस पूजक के जीवन में उतरता है। प्रार्थना एक ऐसी सीढ़ी है जिस पर चढ़कर मानव स्वर्ग तक पहुंच सकता है। प्रार्थना दिव्य तत्व है जब आंख बंद कर आप भगवान को देखने का प्रयत्न करते हैं तब आपको दिखता है कि भगवान इतनी दूर नहीं हैं, जितना कि हम समझते हैं। प्रार्थना आवरण को हटा देती है। प्रार्थना जीवन की सार्थकता है। यह एक दिव्य मंत्र है तथा परमेश्वर को बांधने वाली एक कड़ी है। यह सबके लिए मंगलदायी है इसलिए ही हमारे धर्म और शास्त्रों में प्रार्थना का विधान है।

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उत्तम स्वास्थ्य जीवन की आवश्यकता है तो मन और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए प्रार्थना से बढ़कर अन्य कोई कार्य है ही नहीं। प्रार्थना न तो याचना है और न ही चाटुकारिता, बल्कि स्वयं को शक्ति सम्पन्न बनाने का साधन है। प्रार्थना कुछ चुनिंदा शब्द समूहों का मात्र संगीतमय उच्चारण न होकर व्यक्ति की आतंरिक शक्तियों की अभिव्यक्ति तथा परमात्मा के समक्ष आत्मसमर्पण है। प्रार्थना प्रार्थी को भिक्षुक नहीं दानी बनाती है। यह भ्रम है कि प्रार्थना व्यक्ति को धर्मभीरू बनाती है। प्रार्थनारत प्राणी तनाव मुक्त जीवन जीता है।

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हृदय की पुकार, श्रद्धा और विश्वास के भाव की अभिव्यक्ति का दूसरा नाम है-प्रार्थना। यह भक्त और भगवान के मध्य का सेतु है। प्रार्थना से आत्मा पुष्ट होती है जैसे शरीर भोजन से। यह व्यक्ति को बल, आध्यात्मिक शक्ति और स्फूर्ति प्रदान करती है। प्रार्थना अपने से अधिक सामर्थ्यवान से की जाती है। ईश्वर के समतुल्य अन्य कोई भी नहीं। अत: सर्वशक्तिमान, सृष्टि के रचयिता को शरीर के रोम-रोम से, हृदय की गहराइयों से की गई प्रार्थना सदैव फल प्रदान करती है। गीता में कहा गया है कि अर्जुन भी प्रार्थना करता हुआ श्री कृष्ण के चरणों में गिर पड़ा। 

प्रार्थना व्यक्ति के ‘न’ को ‘हां’ में बदल देती है। विपत्ति के समय प्रत्येक व्यक्ति की यही स्थिति होती है क्योंकि जीव अल्पज्ञ है और परमात्मा सर्वज्ञ और अनंत है। जीवन को अंधेरी घड़ी में प्रार्थना ही आशा की किरण बनकर पथ प्रदर्शक बनती है। हृदय से की गई प्रार्थना ईश्वर तक पहुंच जाती है। 

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Content Writer

Niyati Bhandari

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